लेकिन सिधौली गांव में हज़रत आएशा दरसगाहे इस्लामी में बच्चों को कंप्यूटर की तालीम देकर साबित किया कि यहाँ जो कहा जाता है वो किया भी जा रहा है जो अच्छी बात है। गौरतलब हो कि यहाँ बच्चों को सिखाने के लिए 10 कंप्यूटर सेट का इंतेज़ाम किया हुआ है। संस्था के ज़िम्मेदार मौलाना तनवीर अहमद और मो. सदुल्लाह ने कहा कि यहाँ बच्चों को न सिर्फ दीनी (कुरान और हदीस) या दुनियावी तालीम (अंग्रेजी, साइंस, मैथ) दी जाती है बल्कि तकनीकी शिक्षा भी देकर हर क्षेत्र में परिपक्व बनाया जा रहा है। इसके साथ साथ लड़कियों को हुनरमंद बनाने के लिए सिलाई और कढ़ाई का हुनर उस्तानी (लेडीज ट्रेनर) के द्वारा पार्ट टाइम प्रशिक्षण देने की योजना बनी है। मतलब की एक छत के नीचे बच्चों को न सिर्फ तालीम देना बल्कि हुनरमंद बनाना ये काबिले तारीफ है। इसलिए अपने बच्चों को तरबियत के साथ साथ तालीम के लिए इस संस्था में एक बार ज़रूर आये।
अमरदीप नारायण प्रसाद
दरभंगा : हज़रत आएशा दरसगाहे इस्लामी सिधौली में बच्चों को कंप्यूटर की तालीम मिलना बड़ी बात है। उपरोक्त बाते संस्था के उस्ताद मौलाना नेसार अहमद ने कही। उन्होंने कहा कि मदरसा में बच्चों को कंप्यूटर भी पढ़ाया जाएगा ऐसा तो अक्सर सुना है