BHAGALPUR : भागलपुर में कोरोनाकाल में लापरवाही की भी हद देखी जा रही है। उम्मीद थी कि प्रत्यय अमृत के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बनने के बाद बेहतर सुधार दिखेंगे, लेकिन भागलपुर में तो बगैर जांच के कोरोना रिपोर्ट का मैसेज दिया जाने लगा है। मामला भागलपुर के सदर अस्पताल का ही है।
तीनटंगा करारी निवासी चंद्रभानु कुमार ने सिर्फ कोरोना जांच का रजिस्ट्रेशन कराया था। कोरोना जांच का सैम्पल नहीं दिया था। वाबजूद इसके उनकी रिपोर्ट भेज दी गई। अब चंद्रभानु अस्पताल प्रशासन से पूछ रहा है कि जब उसका सैम्पल लिया ही नहीं तो रिपोर्ट निगेटिव कैसे आया? जबकि उनके लॉज में साथ रह रहे साथी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
सदर अस्पताल के काउंटर पर पूछताछ में छात्रों को धमकाया भी जा रहा है। जब इस बात की सूचना कोरोना कंट्रोल ऑफिसर ट्रेनी आइएएस दीपक मिश्र को मिली तो तुरंत सदर अस्पताल पहुंचे। पूछने पर बताया कि तकनीकी भूल हो सकती है। सिविल सर्जन से मीटिंग कर दुरुस्त कराया जाएगा। जबकि इसके पहले सैकड़ों लोगों का कोरोना जांच के लिए रजिट्रेशन करा सैम्पल लिया गया है।
अगर इसी तरह की तकनीकी चूक हुई होगी तो निगेटिव और पॉजिटिव का खेल हुआ होगा। मसला गंभीर है और उस बाबत कई लोग पैनिक भी हो रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को खुद पहल करनी चाहिए और ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बिना पॉजिटिव हुए लोग भी कोरोना की सजा ना भुगतें