BIHAR: नेपाल सहित उत्तर बिहार में 24 घंटे से हो रही भारी बारिश से तमाम नदियां फिर उफना गईं हैं। इससे बाढ़-कटाव का संकट बढ़ गया है। कई शहरी इलाके भी बाढ़ से प्रभावित हो गये हैं। प्रमुख नदियों के तटबंधों व रिंग बांधों पर खतरा बढ़ चला है। सोमवार को सीतामढ़ी मंडल कारा में बाढ़ का पानी घुस गया है। शिवहर-मोतिहारी पथ पर एक बार फिर पानी चढ़ने से दोनों जिलों का सड़क संपर्क भंग हो गया है। मुजफ्फरपुर के पिलखी पुल का जहां एप्रोच रोड टूट गया वहीं सीतामढ़ी शिवहर पथ में बने पुल के डायवर्सन से पानी बहने लगा।
सीतामढ़ी में कोर्ट बाजार, मेन रोड सहित रिहायशी इलाकों में जलजमाव का संकट पैदा हो गया है तो डुमरा स्थित मंडल कारा व सदर अस्पताल परिसर में भी दो से तीन फीट तक पानी चढ़ गया है। सीतामढ़ी में बागमती, अधवारा सहित तमाम नदियों का जलस्तर खतरे के करीब है। बागमती से बेलसर में कंसार गांव के निकट बांध में कटाव शुरू हो गया है।
दरभंगा के असराहा, खिरमा, असराहा-हाजीपुर, खिरमा-बरही व ननौरा-महमदपुर मार्ग पर चार फीट पानी चढ़ गया है। वहीं शिवहर में पानी भरे गड्ढे में डूबने से पुरनहिया गांव में तीन बच्चियों की मौत हो गई है। घटना से गांव में कोहराम मचा है। मधुबनी में बैंगरा-माधोपुर-कमलावाड़ी सड़क का संपर्क अन्य भागों से कट गया है। पिछले 24 घंटे में बेतिया, मोतिहारी, दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी व मुजफ्फरपुर जिले की करीब 50 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। नदियों के रुख को देखते हुए जल संसाधन विभाग व आपदा विभाग की टीमों को अलर्ट कर दिया गया है।
लौरिया- नरकटियागंज मार्ग ठप, एसएसबी कैंप में घुसा पानी
पूर्वी व पश्चिम चंपारण में गंडक, बूढ़ी गंडक के साथ साथ नेपाल से आतीं अन्य छोटी पहाड़ी नदिया तबाही मचा रही हैं। सोमवार को लौरिया-नरकटियागंज पथ में अशोक स्तंभ के पास डायवर्सन बह जाने से इस मार्ग में आवागमन ठप हो गया। लौरिया में अशोक स्तंभ सोमवार को टापू बना नजर आया। चारों तरफ सिकरहना का पानी फैल गया है। इस ऐतिहासिक परिसर में अभी किसी का आना जाना मुश्किल हो गया है। सिकटा में धर्मपुर गांव के समीप त्रिवेणी नहर का उत्तरी तटबंध टूट गया जिससे पानी आसपास के गांवों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वाल्मीकिनगर बराज से 2.35 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गंडक का पानी वाल्मीकिनगर के एसएसबी कैंप सहित चार गांव में घुस गया है। इधर, मोतिहारी के बसवरिया गांव को भोरहर व कवैया आदि गांव से जोड़ने वाली सड़क की नवनिर्मित पुलिया दोपहर में टूट गई। यह पुलिया नेपाल से आने वाली अरुणा नदी का दबाव नहीं झेल पायी।