महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी, स्थापना काल से ही भ्रष्टाचार का हॉटस्पॉट बन चुका है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के एक पूर्व अपर सचिव दूसरे विश्विद्यालयों के अधिकारियों को चेतावनी देते हैं कि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी में भूलकर भी किसी बैठक या किसी कमेटी के सदस्य के रूप मे नहीं जाना चाहिए क्योंकि वहां पर एक अपराधी सेक्शन ऑफिसर अवैध नियुक्ति के द्वारा बैठा है जो किसी भी गोपनीय दस्तावेजों को टेम्परिंग करने में माहिर है और वह कभी भी आपकी नौकरी को खतरे में डाल सकता है । अब उस अपराधी सेक्शन ऑफिसर को नटवरलाल कुलपति संजीव शर्मा का साथ मिल गया है जो पहले से ही मेरठ यूनिवर्सिटी में पिछले 18 सालों से गोपनीय दस्तावेजों में हेरफेर करने में माहिर हैं | जिसके चलते कुलपति संजीव शर्मा पर भारतीय दंड संहिता के तहत 420, 467, 468, 120 बी तथा विजिलेंस में मेरठ मेडिकल थाना में केस दर्ज है।
अब कुलपति ने बिहार के छात्रों को लूटने का नया धंधा शुरू किया है। विश्वविद्यालय में पहले से यूजीसी के द्वारा अप्रूव की गई सीटों पर नामांकन के लिए छात्र मिले भी नहीं है लेकिन कुलपति और उसके द्वारा अवैध नियुक्त किये गए मुन्नाभाइयों ने बिना अधिशाषी परिषद के
अनुमति और ऑर्डिनेंस बनायें हीं सेल्फ फाइनेन्स स्कीम के तहत सामान्य फीस से तीन से पांच गुना महंगा फीस की वसूली कर कई विभागों में अवैध नामांकन हो रहे हैं। किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय की फीस उसकी फाइनेंस कमिटी करती है लेकिन संजीव शर्मा को विश्वविद्यालय की फाइनेंस कमिटी और अधिशाषी परिषद से स्वीकृति लेने की जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि उनके कुलपति पद पर नियुक्ति के समय हीं केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार करने हेतु टीका लगा कर भेजा है। फाइनेंस में चल रहे अवैध नामांकन की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता आलोक राज के द्वारा यूजीसी, शिक्षामंत्रालय, राष्ट्रपति भवन तथा प्रधानमंत्री कार्यालय को किया गया था जिसका संज्ञान यूजीसी के द्वारा लिया गया था क्योंकि किसी भी केंद्रीय विश्विद्यालय में नामांकन संबंधित स्वीकृति यूजीसी हीं देती है।
सामाजिक कार्यकर्ता आलोक राज |
दिनांक 10 नवंबर 2021 को यूजीसी के अपर सचिव श्री आनंद सजवान ने उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव को इस शिकायत पर कुलपति संजीव शर्मा पर करवाई करने के लिए आदेश दिया था । दिनांक 25 नवम्बर 2021 को टुडे बिहार न्यूज़ को अपर सचिव श्री नवीन कुमार ने बताया कि हमलोग महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में चल रहे सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत नामांकन पर तुरंत करवाई करेंगे और इसके तुरंत बाद विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचारी विशेष कार्य अधिकारी राजीव कुमार को फोन करके अपर सचिव नवीन कुमार ने फटकार लगाई। अब देखना ये है कि भ्रष्टाचार के लिए बने कुलपति और उनके गुर्गे को अपर सचिव की डांट का असर पड़ता है या पूर्व की तरह ये बिहार के छात्रों को फिर से चुना लगाने में सफल होते हैं।