BIHAR: बिहार सरकार में मंत्री और मुख्यमंत्री के करीबी मानें जाने वाले नेता बिजेंद्र यादव ने कहा था कि अब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग नहीं की जाएगी. उनके इस बयान के बाद सूबे का सियासी पारा चढ़ गया था. विपक्ष के नेताओं ने नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर दिया था. लेकिन अपने मंत्री के इस बयान को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को खुद ही खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहेंगे. ये हमारी पुरानी मांग है.
मंत्री बिजेंद्र यादव के बयान को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके बोलने का अपना तरीका है. बहुत दिनों से लगातार यह मांग की जा रही है. लेकिन मांग पूरी नहीं हो रही है. तब उन्होंने विशेष सहायता की बात कही है. वह एक अलग बात है. कांग्रेस की सरकार में विशेष दर्जा का दर्जा दिलाने के लिए कमेटी भी बनी. अब बस इस मामले पर केंद्र को निर्णय लेना है. राज्य का विकास होना चाहिए. इसलिए हम लोग शुरू से यह मांग करते रहे हैं.
वहीं, बिहार में बाढ़ को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमें कोई पत्र नहीं मिला है. इस दौरान तेजस्वी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पत्र हमें मिलता ही कहां है. पत्र तो हमसे पहले मीडिया को मिल जाता है. नीतीश कुमार ने दावा करते हुए कहा कि बाढ़ प्रबंधन के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं. केंद्र की टीम ने भी आ कर मुआयना किया है.
वहीं, बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह के संबंध में उन्होंने कहा कि समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आमंत्रित किया गया है. राष्ट्रपति के आगमन को लेकर तैयारियां की जा रही हैं. विधानमंडल परिसर में बोधि वृक्ष लगाया जाएगा और 100 साल पूरे होने के अवसर पर एक स्मृति चिन्ह भी लगाया जाएगा.
इधर, जातीय जनगणना के संबंध में केंद्र सरकार का स्टैंड सामने आने के बाद उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक की जाएगी. सब लोगों से बात कर बैठक होगी. राज्य के लिए कुछ करना है और उसके लिए मीटिंग जरूरी है. रोहिणी कोर्ट में हमले के बाद बिहार में न्यायालय और जजों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि यहां सब के लिए सुरक्षा का इंतजाम किया गया है. कहीं कोई गड़बड़ी होती है, तो उस पर कार्रवाई की जाती है.