मोतिहारी। जहाँ एक तरफ बिहार में बाढ़ ने अपना कहर बरपाया है और ईतनी ज्यादा जनजीवन प्रभावित हुई है लोगों को अपना घरबार छोड़ कर रोड पर रहना पड़ रहा है तो कही कही बाढ़ ने तो लोगों से उनकी जीवन भर की अपनी मेहनत से बनाई हुई मकान तक छीन ली अब तो ना रहने को मकान ना ही खाने को पकवान है और सरकार लगातार दावे पर दावे कर रही है की सभी लोगों को सरकारी मदद मिल रही है लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही बयां कर रही हैं।
ऐसे में लोगों को खाने पीने की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है कुछ लोग जिनके पास समर्थ है वो अपनी तरफ से बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे है कही कही तो सामुदायिक किचन का भी इंतेजाम किया गया है ऐसे में कुछ युवा समाजसेवी बाढ़ पीड़ितों की मदद करने सामने आए है और लगातार मदद करने की ठान ली है युवा समाजसेवी प्रिंस कुमार की मानें तो ये प्राकृतिक आपदा है लेकिन सरकार ने और यहाँ के जनप्रतिनिधियों ने अगर अपना कार्य सही तरीके से कराया होता तो हरसाल बाढ़ का पानी बांध तोड़ गावो को तबाह नही करता और लोगों की जिंदगिया बर्बाद नही करता.
प्रिंस कुमार यादव ने बताया की हमारी टीम में बिट्टू सिंह,अभिषेक कुमार,ब्रजेश पाण्डेय, लक्ष्मण शाह,विजय पासवान, बिपिन यादव, धीरज सहनी, दीपू सिंह और बहुत सारे युवा है जिन्हें लगा की कहीं हमारी मेहनत से किसी चेहरे पर मुस्कान आए तो हमसभी करेंगें और जब तक ये आपदा खत्म नही होती हमारी कोशिश रहेगी की बाढ़ से प्रभावित हरएक गाँव और घरवालों को हमारी तरफ से जितनी भी बन पाए मदद करेंगे