पटना। मंगलवार का दिन बिहार पुलिस के लिए गौरव का क्षण था, मुजफ्फरपुर के रेल एसपी डॉ कुमार आशीष को बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी के द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री प्रदत सर्वोत्कृष्ट अनुसंधान पदक मिला। बिहार का ये पहला गृह मंत्री अनुसंधान पदक था जो वर्ष 2020 में आईपीएस डॉ कुमार आशीष को देने की घोषणा की गई थी।
वो मामला जिसके वजह से मिला अवार्ड
जिस मामले के अनुसंधान को लेकर आईपीएस डॉ कुमार आशीष को केंद्रीय गृह मंत्री अनुसंधान पदक मिला वो मामला वर्ष 2019 का है। आईपीएस आशीष तब किशनगंज के एसपी थे। 12 फरवरी 2019 को किशनगंज के कोढोबारी थाना क्षेत्र में एक लाचार पिता को बंधक बनाकर 7 अपराधियों ने सामूहिक दुष्कर्म की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था।
मामला संज्ञान में आते ही तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के निर्देश पर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। टीम ने 30 घंटे के अंदर ही 5 आरोपियों को दबोच लिया था । जबकि पुलिस दबिश के कारण 2 अपराधियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। इस पूरे घटना का वैज्ञानिक तरीके से त्वरित गति से अनुसंधान पूर्ण कर चार्जशीट दाखिल की गई। स्पीडी ट्रायल के दौरान 3 अक्टूबर 2019 को एडीजे प्रथम (किशनगंज न्यायालय ) ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ साथ 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
सीबीआई ने भी सराहा
किशनगंज के तत्कालीन एसपी कुमार आशीष ने जिस तरह से इस मामले की स्पीडी ट्रायल कराकर दोषियों को सजा दिलवाई , केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने भी उनके इस काम को सराहा था। सीबीआई बुलेटिन में कुमार आशीष के कार्यों की चर्चा करते हुए तारीफ की गई।
मुजफ्फरपुर के रेल एसपी है डॉ कुमार आशीष
आईपीएस कुमार आशीष अभी मुजफ्फरपुर के रेल एसपी के पद पर तैनात है, इससे पूर्व मधेपुरा, नालंदा, किशनगंज और मोतिहारी में बतौर एसपी अपनी सेवा दे चुके है ।