पटना: अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने बिना नाम लिये विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है।
मांझी ने कहा कि वर्ष 1990 से यह कानून देश में लागू है और इसके तहत एक तरफ दोषियों को सजा दिलाना है तो दूसरी ओर पीड़ित को पेंशन के साथ-साथ रोजगार भी देना है। इसके अंतर्गत सरकारी नौकरी, जमीन देना आदि शामिल हो सकता है। यह राष्ट्रीय कानून है, इसमें किसी को कुछ कहना है तो वे केंद्र सरकार से बात करे। पर, इस पर जो सवाल उठा रहे हैं, उन्हें इस कानून का ज्ञान नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कानून के प्रावधानों को लागू कराने के लिए शीघ्र नियम बनाने का निर्देश दिया है, जिसके लिए उन्हें मैं धन्यवाद देता हूं। मांझी ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सवाल किया है कि हत्या होने पर परिजन को नौकरी देने की घोषणा सिर्फ एक वर्ग को क्यों। सवर्णो, पिछड़ों और अति पिछड़ों की हत्या पर उनके परिजन को नौकरी क्यों नहीं दी जा सकती है। दरअसल, हत्या होने पर नौकरी देने का वादा अनुसूचित जाति वर्ग पर अत्याचार बढ़ाने की साजिश है। सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए कि हत्या हो ही नहीं। भाजपा पिछलग्गू पार्टी बन गई है। तेजस्वी ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। कहा कि आज नौकरी देने का वादा करने वाली सरकार अनुसूचित जाति एक्ट में हो रहे संशोधन का पक्ष ले रही थी। वह तो हमलोग सड़क पर उतरे तो बदलाव वापस हुआ।