WEST CHAMPARAN: नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र स्थित भारत नेपाल सीमा पर स्थित मानपुर जंगल से है जहां एक बाघ की मौत हो गई है. बाघ का शव गन्ने के बरामद किया गया है. घटना भारत नेपाल सीमा पर स्थित मानपुर थाना क्षेत्र से सटे वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना जंगल के मानपुर वन कार्यालय के समीप मानसरोवर झील के पास की है. गन्ने के खेत में बाघ के शव देखकर इलाके में सनसनी फैल गयी. मिली जानकारी के अनुसार चक्रसन गांव के चरवाहा अपने मवेशियों को लेकर मानसरोवर झील के पास चराने के लिए ले गये थे, तभी निकी चौरसिया के गन्ने के खेत में विशालकाय बाघ के शव को देखकर लोग उल्टे पांव भाग कर गांव पहुंचे. चरवाहों ने गांव में लौट कर ग्रामीणों को इसकी सूचना दी. जिसके बाद ग्रामीणों ने बाघ का शव पड़े होने की जानकारी मानपुर पुलिस और वन विभाग को दी.
बताया जा रहा है कि सूचना मिलते ही मानपुर थानाध्यक्ष विकास तिवारी, तीन लालटेन बीओपी के एसएसबी जवान और वन विभाग के अधिकारियों का काफिला घटनास्थल पर पहुंचे. हालांकि जहां पर बाघ का शव पड़ा हुआ था उसके एक किलोमीटर दूर पर ही किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं थी. बताया जा रहा है कि मानपुर वन कार्यालय से सटे मानसरोवर जंगल के पास एक के खेत में बाघ का शव पड़ा हुआ था, जो लगभग दो क्विंटल से ज्यादा वजन का है.
बाघ के शरीर पर जगह-जगह कटे का निशान देखा गया है और साथ हीं बाएं पैर पर ज्यादा जख्म है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि दो बाघों की भिड़ंत में इस बाघ की मौत हुई है. हालांकि बाघ के शिकार की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है. जिसकी जांच वन विभाग की टीम कर रही है. वहीं वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के निदेशक हेमकांत राय मौके पर पहुच गए हैं और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
बाघ के शव को बेतिया लाया जा रहा है, जहां शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा जिसके बाद स्थिति और स्पष्ट होगी कि बाघ की मौत दो बाघों के बीच भिड़ंत से हुई है या फिर बाघ किसी शिकारी के शिकार करने की कोशिश में हुआ है. बहरहाल अभी कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी. इस बीच वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के निदेशक हेमकांत राय ने कहा कि बाघ की मौत शिकार की वजह से होने की संभावना कम होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि इंटरनल फाइट यानी दो बाघों की लड़ाई में मौत की आशंका है. साथ ही यह भी कहा किसाथ ही बाघ का बिसरा देहरादून भेजा जाएगा.