पटना। अपने ऊपर चल रहे विजलेंस जांच के तथ्य को छुपाकर अप्रैल 2019 में मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति का पद ग्रहण करने के मामले में वीसी संजीव शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती है । फरवरी 2020 में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता डॉक्टर संदीप पहल के शिकायत पर शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव सुनील विश्वास ने कुलपति संजीव शर्मा और कुलसचिव चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को भेजकर जवाब तलब किया था ज्ञात हो कि कुलसचिव चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ ने शिकायत का जवाब दिया था कि विश्वविद्यालय को संजीव शर्मा के ऊपर चल रहे विजिलेंस जांच की केस का पता नहीं था ।आगामी 2 फरवरी को कुलपति संजीव शर्मा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, सूत्रों की माने तो कुलपति संजीव शर्मा शिक्षा मंत्रालय में अपने कार्य को बढ़ाने के लिए चक्कर लगा रहा है ।
चंडीगढ़ के समाजसेवी डॉ आशुतोष मिश्रा ने कुलपति और कुलसचिव, चौधरी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ को शिकायत भेजा है, पिछले एक साल से विश्विद्यालय को संजीव शर्मा के विजिलेंस केस की जानकारी संज्ञान में है अतः संजीव शर्मा को असाधारण अवकाश निर्गत नहीं किया जाए । इधर मेरठ विश्विद्यालय के कुलसचिव ने आश्वस्त किया है कि संजीव शर्मा को पुनः असाधारण अवकाश 2 फरवरी 2021 के बाद निर्गत नहीं किया जाएगा ।