मोतिहारी। महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्विद्यालय में दूसरी एकेडेमिक और एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल की गठन में हुई अनियमितता को लेकर माननीय राष्ट्रपति महोदय,माननीय प्रधान मंत्री महोदय, माननीय कुलाधिपति महोदय महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्विद्यालय मोतिहारी , बिहार, माननीय सचिव मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं माननीय सचिव विश्विद्यालय अनुदान को इसकी शिकायत विभिन्न लोगों द्वारा की गई थी और ये देश के विश्वसनीय अख़बारों की सुर्खियों में भी छाया रहा। इस मामले में राष्ट्रपति सचिवालय ने एमएचआरडी के संयुक्त सचिव को पत्र भेजकर विश्विद्यालय में दूसरी एकेडेमिक और एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल गठन में हुई अनियमितता और कुलपति संजीव शर्मा की विजिलेंस जाँच की तथ्य को छुपाकर फर्जी तरीके से कुलपति पद पर हुई नियुक्ति समेत अन्य मामले पर उचित करवाई हेतु निर्देश दे चुके हैं और एमएचआरडी में दर्ज किये गए RTI के जबाव में एमएचआरडी द्वारा भी प्रेषित किया गया की कुलपति की अवैध नियुक्ति समेत अन्य भरष्टाचार के मामलों में एमएचआरडी में जाँच चल रही है । दिनाँक 1 अप्रैल 2020 को मोतिहारी के सामाजिक कार्यकर्ता आलोक राज द्वारा माननीय सचिव मानव संसाधन विकास मंत्रालय को “महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्विद्यालय के कुलपति संजीव शर्मा के द्वारा एकेडेमिक और एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल गठन में किये गए धोखाधड़ी के मामले में FIR करने की अनुमति हेतु अनुरोध किया गया था। दिनांक 28 अप्रैल 2020 को FIR की अनुमति सम्बंधित पत्र की स्थिति जानने हेतु ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से RTI एक्टिविस्ट निखिल कुमार द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्रालय में दर्ज RTI के जबाव में बताया गया कि ये मामला MGCU से सम्बंधित है इसलिए एमएचआरडी ने 27 अप्रैल को MGCU ओएसडी को करवाई करने के लिए प्रेषित किया ।
आज लगभग 2 सप्ताह बीतने के बाद भी शिकायतकर्ता को जबाव नहीं दिया गया। इसी बीच दिनांक 7 मई 2020 को विश्विद्यालय ओएसडी डॉ पध्माकार मिश्रा एवं सेक्शन ऑफिसर दिनेश हुड्डा के द्वारा हस्ताक्षरित ऑफिस आर्डर वर्तमान में मौजूद एकेडेमिक और एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल के सदस्यों को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के द्वारा एकेडिमिक कॉउन्सिल की बैठक दिनाँक 19 मई को और एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल की बैठक दिनांक 22 मई 2020 को आयोजन के लिए सूचना दिया गया है।
ध्यातव्य हो कि विश्विद्यालय के शिक्षकों की वरीयता सूची में हुई धांधली को लेकर जब विभिन्न लोगों के द्वारा माननीय राष्ट्रपति जी, माननीय प्रधानमंत्री जी और अन्य सम्बंधित कार्यालयों में शिकायत भेजे जाने के बाद और सम्बंधित कार्यालयों द्वारा इस विषय में विश्विद्यालय प्रशासन से जबाव मांगने पर विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा फर्जी तरीके से विश्विद्यालय के शिक्षकों का वरीयता सूची बनाने के लिए एक कमिटी बैक डेट में 26th November गठित की । बैक डेट में कमिटी गठित करना खुद एक धोखाधड़ी का मामला है । अगर कमिटी 26 नवंबर 2019 को बनी रहती तो इसकी अप्रूवल एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल की 16 वीं बैठक जो 3 दिसंबर को आयोजित हुई थी उसी में कर दी गयी रहती मगर जब MHRD ने लोगों के शिकायत की जबाब विश्विद्यालय से मांगी तक बैक डेट में कमिटी गठित कर एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल की 17 वीं बैठक 25 जनवरी 2020 को आयोजित करके आनन् फानन में अप्रूवल ली। विदित हो कि एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल की 17 वीं बैठक 8 फरवरी 2020 को आयोजित करने की सुचना सभी एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल के सदस्यों को ईमेल के द्वारा भेज दी गयी थी मगर MHRD से शिकायत आने पर मीटिंग का डेट पहले कर फर्जी तरीके से वरीयता बनाने की कमिटी की अप्रूवल लिया जो एक धोखाधड़ी का मामला है।
विदित हो की माननीय राष्ट्रपति द्वारा नॉमिनेटेड एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल के चार सदस्यों का चयन होने अभी भी बाकी है । पूर्व की तरह इसबार भी एमएचआरडी द्वारा एकेडिमिक कॉउन्सिल और एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल के गठन में हुई अनियमितता के लेकर कुलपति संजीव शर्मा के ऊपर FIR की अनुमति लेने, व्हाट्सउप द्वारा बिना यूजीसी के अनुमति के हीं परीक्षा लेने और अन्य मामले में जबाव मांगने पर इस वैश्विक महामारी के दौर में अवैध तरीके से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से एकेडिमिक कॉउन्सिल और एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल की बैठक कराने के पीछे कुलपति द्वारा रचित किसी बड़े षड्यंत्र की बू आ रही है। विश्विद्यालय प्रशासन के कुछ ईमानदार लोगों लोगों से पता चला है कि मीटिंग एक फॉर्मेलिटी होगी । बैठक किसी और विषय पर होगी और बैठक के बाद कुलपति एवं प्रशासन अपने बचने के लिए एक्सक्यूटिव कॉउन्सिल और एकेडेमिक कॉउन्सिल के मिनट ऑफ़ मीटिंग में छेड़छाड़ कर प्रशासन द्वारा किये गए अनियमिततता को बैक डेट में अप्रूवल दे देंगे। साथ हीं विश्विद्यालय के ईमानदार शिक्षक जो इनके द्वारा किये जा रहे सतत भ्र्ष्टाचार का विरोध करते आ रहें उनको साजिस करके नौकरी से निकालने की तैयारी में हैं इस संबंध में माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कुलाधिपति समेत अन्य सबंधित कार्यालयों से मोतिहारी के सामाजिक कार्यकर्ता ने आग्रह किया है कि कुलपति के ऊपर विभिन्न मामलों की जाँच प्रक्रिया पूरी हो जाने पर इनको मीटिंग की अनुमति दिया जाय ताकि विश्विद्यालय को भ्रूण हत्या से बचाया जाय।