प्रधानमंत्री ने कहा, हर बार आपके ढेर सारे पत्र मिलते हैं. नमो एप,माय गोव पर आपके संदेश और फोन कॉल्स के माध्य से आपकी बातें जानने का अवसर मिलता है. इन्हीं संदेशों में से एक ऐसा भी संदेश है जिसने मेरा ध्यान खींचा. ये संदेश है, बिहार प्रियंका पांडेय जी का. 23 साल की बेटी प्रियंका जी, हिंदी साहित्य की छात्रा हैं और बिहार के सीवान में रहती हैं.
प्रियंका जी ने नमो एप पर लिखा है कि वो देश के 15 घरेलू पर्यटन स्थलों पर जाने के मेरे सुझाव से बहुत प्रेरित हुईं थीं, इसलिए एक जनवरी को एक जगह के लिए निकलीं, जो बहुत खास थी. वो जगह थी, उनके घर से 15 किमी दूर देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद का पैतृक निवास. पीएम मोदी ने आगे कहा, प्रियंका जी ने बहुत सुंदर बात लिखी है कि अपने देश की महान विभूतियों को जानने की दिशा में उनका ये पहला कदम था.
प्रियंका जी को वहां डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद द्वारा लिखी गई पुस्तकें मिलीं , अनेक ऐतिहासिक तस्वीरें मिलीं. उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की है, जब पूज्य बापू, राजेंद्र जी के घर में रूके थे. वाकइ प्रियंका जी आपका यह अनुभव, दूसरों को भी प्रेरित करेगा. हम आजादी के आंदोलन और बिहार की बात कर रहे हैं तो मैं एक और टिप्प्णी की चर्चा करूगां.
उन्होंने बिहार के मुंगेर के रहने वाले जयराम विप्लव ( भी चर्चा की, जिन्होंने ‘नमो’ एप पर 15 फरवरी 1932 को तारापुर में अंग्रेजों की गोलियों से शहीद हुए देशभक्तों की जानकारी दी. जयराम ने प्रधानमंत्री को बताया कि देशभक्तों का एकमात्र अपराध यह था कि वे ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत मां की जय’ के नारे लगा रहे थे. प्रधानमंत्री ने उन शहीदों को नमन किया साथ ही जयराम विप्लव को धन्यवाद भी दिया.