पटना: कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए बिहार में 15 नवंबर तक अनलॉक की अवधि को बढ़ा दिया गया है. इस दौरान राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्र और छोटे बच्चों के स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है. साथ ही त्योहारों में लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फैसले लेने और आदेश निर्गत करने का अधिकार जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है. दरसअल, अनलॉक-7 को लेकर सुबह से ही क्रासिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक चल रही थी. बैठक में ये फैसले लिए गए, जिसे अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर पत्रकारों संग साझा किया.
बिहार के मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक ने 25 सितंबर के बाद लागू होने वाले अनलॉक-7 पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि अगला डेढ़ महीना बहुत क्रूशियल है. खासकर बिहार के लिए, ऐसे में इन्हीं को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किए गए हैं. पंचायत चुनाव का भी ध्यान रखा गया है. विधि व्यवस्था और प्रोटोकॉल को ध्यान में रख कर नया आदेश निकाला गया है.
उन्होंने बताया कि अब राज्य में 15 नवंबर तक सभी आंगनवाड़ी केंद्र और किंडर गार्डन स्कूल खुले रहेंगे. साथ ही आगामी त्योहारों के दौरान बाहर से आने वालों की कोरोना जांच होगी. दुर्गा पूजा या दीवाली के दौरान आयोजिय होने वाली पूजा और मेला में लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन आदेश जारी करेगा. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वो अपने स्तर से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होंगे.
हालांकि, पूजा पंडाल और मेला लगाने के लिए अनुमति देने से पहले प्रशासन इस बात का ध्यान रखेगा कि पूजा समिति के सदस्य पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेड हों या वैक्सीन का एक डोज भी जरूर लिया हो. वहीं, पंडाल के मुख्य द्वार पर अगन्तुओं के टीका प्राप्त होने का प्रमाण देखने के लिए लोगों की व्यवस्था हो. साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जांच शिविर भी हो. टीकाकरण की भी व्यवस्था होनी चाहिए.
अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार आने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ेगी. ऐसे में वैसे राज्यों से आने वाले लोग जहां मौजूदा समय में कोरोना का प्रकोप अधिक है या डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है का रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट अथवा एनएच पर रैपिड एंटीजेन किट से कोरोना जांच कराई जाएगी. साथ ही उनके टीकाकरण की भी व्यवस्था की जाएगी. कोरोना जांच की संख्या को बढ़ावा देने पर जोर देना है.