मोतिहारी: जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, सदर अस्पताल, की बदहाल स्थिति एक बार फिर सुर्खियों में है। टुडे बिहार न्यूज की एक ग्राउंड रिपोर्ट में अस्पताल की लचर व्यवस्था उजागर हुई, जिसमें पाया गया कि कई चिकित्सक ड्यूटी के दौरान गैरहाजिर थे। मरीज और उनके परिजन डॉक्टरों का इंतजार करने को मजबूर दिखे।
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रियलिटी चेक के बाद राजनीतिक हलचल
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। राजद ने टुडे बिहार न्यूज की रिपोर्ट को अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा करते हुए लिखा:
“सदर अस्पताल मोतिहारी का हाल:
ड्यूटी के समय चिकित्सक नदारद, मरीज और उनके परिजन लाचार! सरकार अस्पतालों पर करोड़ों खर्च करने का दावा करती है, लेकिन मरीजों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। तेजस्वी यादव जी के स्वास्थ्य मंत्री रहते बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो रही थी, लेकिन भाजपा-नीतीश सरकार बनते ही स्थिति फिर से बदहाल हो गई है!”
स्वास्थ्य विभाग आया हरकत में
मामले के तूल पकड़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय हुआ है। अस्पताल के उपाधीक्षक ने जानकारी दी कि ड्यूटी से गायब रहने वाले चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उनकी सैलरी काटी जाएगी।
क्या कहती है ग्राउंड रिपोर्ट?
टुडे बिहार न्यूज की टीम मंगलवार सुबह 9:20 बजे अस्पताल पहुंची, जहां कई विभागों में डॉक्टरों की कुर्सियां खाली पड़ी थीं। मरीज और उनके परिजन इलाज के इंतजार में बैठे दिखे। अस्पताल परिसर में अव्यवस्था का माहौल था, जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही थी।
सरकारी दावों और जमीनी हकीकत के इस अंतर पर अब राजनीतिक दलों के साथ आम जनता की भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। सवाल यह है कि क्या इस बार प्रशासन ठोस कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?