पटना. आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का 73वां जन्मदिन है। इस मौके पर जदयू ने जमीन खरीद से जुड़े पेपर दिखाकर बड़ा आरोप लगाया है। जदयू नेता और राज्य के सूचना जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नीरज ने जमीन रजिस्ट्री से जुड़े कागजात मीडिया को दिखाए और कहा कि लालू यादव ने नौकरी देने के नाम पर गरीबों से जमीन अपने बेटों के नाम लिखवा ली। कई जमीन लालू ने अपने बेटे तरुण यादव के नाम लिखवाई है। दुनिया जानती है कि लालू यादव के दो बेटे (तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव) हैं। ये तीसरा बेटा तरुण यादव कौन है? वह कहां है? उसे सामने लाना चाहिए। तरुण को उसका वाजिब हक मिलना चाहिए।
5 साल की उम्र में तेजप्रताप के नाम लिखवा दी जमीन
नीरज ने कहा कि लालू यादव ने न अपने परिवार को छोड़ा और न अपने गांव के लोगों को। अपने गांव फुलवरिया के लोगों से जमीन लिखवा ली। कई जमीन ऐसे हैं जिनके पेपर पर लालू यादव के बेटे के रूप में तेजप्रताप यादव और तरुण यादव का नाम है। क्या तरुण लालू के दत्तक पुत्र हैं?
नीरज ने कहा कि तेजप्रताप का जन्म 1989 में हुआ था। लालू ने 1993 में तेजप्रताप के नाम जमीन लिखवा दी। रजिस्ट्री एक्ट में प्रावधान है कि नाबालिग के नाम जमीन लिखवा रहे हैं तो गार्जियन का नाम देना होगा। लालू ने जमीन तो लिखवा लिया, लेकिन गार्जियन के रूप में अपना नाम नहीं दिया। तेजप्रताप ने क्या गुनाह किया था कि गार्जियन के रूप में लालू ने अपना नाम नहीं लिखा।
संपत्ति की हेराफेरी और बाल अपराध का आरोप
जनसंपर्क मंत्री ने कहा कि जमीन खरीद से जुड़े इन दस्तावेजों को देखकर पता चलता है कि लालू ने संपत्ति की हेराफेरी ही नहीं, बाल अपराध जैसे गंभीर अपराध भी किया है। बाल्यकाल में किसी के साथ ऐसा फर्जीवाड़ा करना निश्चित रूप से बाल उत्पीड़न का मामला बनता है। लालू प्रसाद के कौन-कौन गुनाह बताएं, कितना बताएं। लालू के गुनाहों की फेहरिस्त लंबी है।
नीरज ने कहा कि लालू ने फुलवरिया गांव के प्रमोद कुमार सिंह नाम के व्यक्ति से छह कट्ठा जमीन तेजप्रताप यादव और तरुण यादव के नाम लिखवाया। इस जमीन के पेपर में गार्जियन के रूप में लालू ने अपना नाम लिखा है। पेपर पर लिखा है कि तरुण यादव लालू यादव का बेटा है। उसे लालू यादव का बेटा होने का हक मिलना चाहिए। लालू परिवार को इसका जवाब देना होगा।
अभी तो शुरुआत की है
मंत्री ने कहा कि लालू ने इतनी बेनामी संपत्ति अर्जित की है कि उनके बच्चों को भी पता नहीं होगा कि उनकी जमीन कहां-कहां है। अभी तो शुरुआत हुई है। इनकी संपत्ति के राजनैतिक पोस्टमॉर्टम के लिए हमलोग तैयार हैं। अपने सगे भाई के परिवार से भी जमीन लिखवा लिया। इतनी भूख किस बात की।