पटना। बिहार सरकार के अनुशंसा पर राज्यपाल के द्वारा मोतिहारी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्यक्ष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अरुण कुमार भगत को बिहार लोक सेवा आयोग के सदस्य पर नियुक्त किया गया है। डॉ भगत के नियुक्ति के खिलाफ डॉ आशुतोष शर्मा ने राज्यपाल , मुख्यमंत्री , उप मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, डीजीपी व बिहार के मुख्य सचिव को ईमेल के माध्यम से शिकायत किया है।
डॉ शर्मा का आरोप है कि डॉ अरुण कुमार भगत यौन उत्पीड़न, वितीय अनियमितता व फर्जी तरीके से रीडर के पद पर पदोन्नति का मामले का आरोपी है। शर्मा के अनुसार डॉ अरुण भगत को फर्जी तरीके से माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में बिना अहर्ता के ही रीडर के पद पर पदोन्नति किया गया था। इस मामले को लेकर जबलपुर हाई कोर्ट में 1947/14 मामला भी दायर किया गया था जो अभी भी लंबित है।अरुण भगत पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्विद्यालय में वितीय अनियमितता के मामलें में जिला भोपाल, थाना EOW वर्ष 2019 में भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 120 B के तहत केस नंबर 14/19 दर्ज है जो कि देश के विभिन्न समाचार पत्रों के सुर्खियों में आया था।
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वित्तीय अनियमितता के आरोप |
डॉ अरुण भगत पर यूजीसी के नियमों के खिलाफ फर्जी तरीके से कुलपति संजीव शर्मा के सहयोग से महात्मा गांधी केंद्रीय विश्विद्यालय मोतिहारी में प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के आरोप लगे है ।
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यूजीसी में शिकायत |
इस मामले में युजीसी में शिकायत करने के बाद यूजीसी ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्विद्यालय के रजिस्ट्रार से अरुण भगत के नियुक्ति के मामले में जवाब मांगा था और अभी इनके खिलाफ यूजीसी में जांच चल रही है। वही प्रोफेसर भगत पर यौन उत्पीड़न के भी मामले दर्ज है,
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यौन उत्पीड़न के आरोप |
अरुण भगत के खिलाफ महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व गेस्ट असिस्टेंट प्रोफेसर नेहा नेमा के द्वारा 1 अक्टूबर 2019 को छेड़छाड़ का मुकदमा नगर थाना में दर्ज किया था , नगर थाना में दर्ज केस नंबर 670/19 के मामले में फिलहाल अनुसंधान चल रहा है।