पटना. बिहार में चुनावी अभियान का आगाज कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के खिलाफ लगातार आक्रामक बने हुए हैं. सासाराम के बाद उन्होंने गया (Gaya) में रैली की जहां उन्होंने लालू प्रसाद यादव की सरकार पर तमाम सवाल उठाए. राज्य में अपनी पहली चुनावी रैली के लिए पहुंचे मोदी ने सासाराम में भी विपक्षी दलों पर अपने चिर परिचित अंदाज में जुबानी हमले किए थे.
पीएम मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता को अब लालटेन की जरूरत नहीं है. आज बिहार में रहने वाले हर गरीब व्यक्ति के घर में बिजली है. जबकि, पहले के दौर में बिजली केवल संपन्न परिवारों के यहां ही होती थी. अपने चुनावी संबोधन में मोदी ने लालू प्रसाद की सरकार पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि 90 के दशक में बिहार के लोगों के साथ बुरा हुआ है.
उन्होंने कहा कि 90 के दशक में लोग गाड़ियां नहीं खरीदते थे, ताकि पार्टी के कार्यकर्ताओं को उनकी कमाई का पता लग जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दौर में लोग जब एक शहर से दूसरे शहर जाते थे, तो यह पक्का नहीं होता था कि वे पहुंचेंगे या नहीं.
पीएम मोदी ने राज्य में नक्सलवाद (Naxalism) के मुद्दे को भी उठाया. उन्होंने कहा .विपक्षी पार्टियों ने एनडीए के खिलाफ एक पिटारा तैयार किया है, जिसे वे महागठबंधन बोलते हैं. लेकिन बिहार का एक-एक नागरिक पहले के समय में नक्सल मूवमेंट को अनुमते देने वाले इस गठबंधन को अच्छे से जानता है.
उन्होंने कहा .बिहार में नक्सलवाद को खुली छूट देने वाले एनडीए के खिलाफ हैं. बीते कुछ सालों में देश में नक्सल गतिविधियों को कम करने के लिए कड़े प्रयास किए गए हैं. नक्सल की मौजूदगी कुछ इलाकों तक अब काफी सीमित हो गई है.
पीएम मोदी ने सासाराम में कहा कि जो लोग पहले ही बिहार पर राज कर चुके हैं, वे एक बार फिर विकासशील राज्य को लालच की नजरों से देख रहे हैं. लेकिन, बिहार को उन लोगों नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने उन्हें पीछे धकेला है. यह वही समय है जब राज्य में कानून व्यवस्था की हालत सबसे बुरी थी.
मोदी ने बिहार के लोगों को लालू प्रसाद सरकार (Lalu Prasad Government) की याद दिलाते हुए कहा कि बिहार के लोग वे दिन भूल नहीं सकते, जब सूरज ढलने का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना, ठप पड़ जाना.