गया। मुहर्रम के मद्देनजर जिला प्रशासन व पुलिस दोनों पूरी तरह से सख्त तेवर में नज़र आ रहा है। वह पर्व के दौरान किसी प्रकार की अड़चन को झेलने के मूड में नहीं है और न ही किसी उपद्रवी को बख्शने जा रही है। इस बात का प्रमाण शुक्रवार को शहर के मुख्य सड़कों पर दिखा। डीएम व एसएसपी दोनों अपनी ac गाड़ी व दफ्तर को छोड़कर एक साथ सड़क पर उतरे और हथियारों और लाठी-डंडों तथा बुलेट प्रूफ जैकेट से लंबे चौड़े फ्लैग मार्च को लीड किया। डीएम और एसएसपी के साथ बड़ी संख्या प्रशासन व पुलिस के अधिकारी में साथ चल रहे थे। जिले के दोनों आल्हा अधिकारी शहर के सभी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों पर रुक कर उसकी समीक्षा भी कर रहे थे। उसके आसपास के संपर्क मार्ग के बाबत स्थानीय थाना पुलिस से जानकारी लेते हुए दिखे। साथ ही स्थानीय थाना के अधिकारियों को कुछ दिशानिर्देश भी दिए। गौरतलब है कि शहर में 2 दिनों तक मोहर्रम का जुलूस और समापन का कार्यक्रम चलेगा। इस पर्व के मद्देनजर जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने और कानून व्यवस्था को पटरी पर बरकरार रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। 3000 की संख्या में पुलिस बल बुलाए गए हैं जिसमें बिहार ससस्त्र फोर्स सीआरपीएफ के जवान भी शामिल है। फ्लैग मार्च के दौरान एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि फ्लैग मार्च का उद्देश्य आम आवाम के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करना है। इसके अलावा उपद्रवियों के बीच यह संदेश दिया जाना है कि यदि वह किसी प्रकार का हुड़दंग या उपद्रव करने की सोच रहे हैं तो वे अब गलतफहमी में न रहें। पुलिस उन्हें बख्शने नहीं जा रही है। उन्होंने कहा कि फ्लैग मार्च का उद्देश्य यह भी था कि खुद से सभी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों का जायजा लें और शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस का समापन कराएं और यदि जरूरत पड़ी तो ठोस कार्रवाई की जा सके।