गया से (आशीष गुप्ता)
गया। गया शहर के नगमतिया रोड़ स्थित एक निजी होटल में जदयू अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ की एक बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता जदयू अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष रौशन मांझी के नेतृत्व में की गई। बैठक में मुख्य अतिथि के रुप में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री रत्नेश सदा शामिल हुए। इस दौरान मंत्री के द्वारा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के 61 सदस्यीय जिला कमेटी एवं 24 प्रखंडों के प्रखंड अध्यक्ष को मनोनयन पत्र दिया गया।
इस अवसर पर पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता ने अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रौशन मांझी के नेतृत्व में मंत्री रत्नेश सदा के समक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में आस्था व्यक्त करते हुए जदयू पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। मंत्री रत्नेश सदा ने कहा की अनुसूचित जाति के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुत काम किया है। गरीबों के उत्थान के आज एक मात्र नेता नीतीश कुमार है जो दलित महादलित के लिए चिंता करते हैं। उन्होंने पर्वत पुरुष दशरथ मांझी को पूरे दुनियां में सम्मान दिलवाने का काम किया। अनुसूचित जाति से जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया पर उन्होंने समाज के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने जो भी काम किया अपने परिवार के लिए किया, अपने बेटा को अपने समधन को मंत्री, विधायक बनाया। महादलित आयोग के अध्यक्ष संतोष निराला ने सभी अनुसूचित जाति के लोगों से आह्वान किया कि आने वाले 2024 के चुनाव में नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करें ताकि आपलोगों को और विकास हो। प्रमंडल प्रभारी विद्यानंद विकल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा किए गए महादलित समाज के काम को हर दलित महादलित टोलों तक पहुंचना है। जदयू जिलाध्यक्ष अभय कुशवाहा ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महादलित समाज के लिए जितना काम किए हैं अगर गिनने लगेंगे तो घंटों लगेगा, उन्होंने अंबेडकर छात्रावास निर्माण कराया, दलित महादलित को पंचायती राज में आरक्षण देकर सम्मानित करने का काम किया है। इसी तरह से कई अनेकों योजनाओं को देने का काम किए हैं। इस अवसर पर पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी, संजीव श्याम सिंह, पूर्व विधायक कृष्णनंदन यादव, प्रदेश सचिव सोनम दास, अरुण राव, डा आसिफ जफर, प्रवक्ता अवध बिहारी पटेल, जितेंद्र दास, सतेंद्र गौतम मांझी, शिवनाथ निराला, कैलाश पासवान, निशा मांझी, अजीत शर्मा, राज कुमार मेहता, देवराज मांझी, रणधीर रजक, प्रमोद मांझी, इंद्रदेव मांझी, मुसाफिर मांझी, विकास भारती, कामेश्वर भुइया, वसंत दास, गिरानी मांझी, रामराज मांझी एवं सैकड़ों अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।