बेगूसराय- बलिया कृष्णनंदन सिंह, एक तरफ कोरोनावायरस को लेकर देशभर में लॉक डाउन जारी है वहीं प्रवासी मजदूर भी पलायन करने में मजबूर है बता दे कि लॉक डाउन में फंसे हुए मजदूरों के घर लौटने की तस्वीर आम हो गई है शहरों में काम करने वाले मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं हालांकि कई मजदूरों के लंबा सफर तय करने से पांव में छाले पड़ गए हैं तो कई मजदूर बेहोश होकर सड़क पर गिरते नजर आए हैं देखा जाए तो इस लॉक डाउन में ऐसी तस्वीर लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। ऐसी परिस्थितियों में लगातार सरकार के द्वारा गाइडलाइंस जारी होती रहती है चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार सिर्फ अखबार के पन्नों में मजदूरों के लिए समुचित व्यवस्था बताई जााती है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है यह हम नहीं कह रहे हैं यह वह तस्वीर है जो केंद्र व राज्य सरकार मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए ट्रेन सहित आदि सुविधाएं मुहैया करा रही है.
वही कुछ ऐसे लोग हैं जो जानकारी के अभाव में या फिर रुपये नहीं रहने से पैदल, साइकिल एवं जुगाड़ गाड़ी आदि से भी सैकड़ों किलोमीटर सफर कर अपने घर तक पहुंच रहे हैं. ऐसा ही सोमवार को दोपहर पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के ग्वालटोला थाना क्षेत्र अंतर्गत होमगर बाजार में कोल्ड स्टोरेज में काम कर रहे 16 मजदूर साइकिल चला कर करीब 60 घंटे में सोमवार की दोपहर बलिया प्रखंड मुख्यालय पहुंचा. बलिया प्रखंड मुख्यालय स्थित अंबेडकर पार्क पहुंचे मोतीलाल पोदार, चंदन साह, मनोज साह, चुनचुन साह, अरविंद साह, मनटुन साह, रामबालक यादव, फूलों साह, राम उदय साह, नरेश साह, कन्हैया पासवान, हरे राम साह, राजनीतिक तांती, भूषण साह मुन्ना महतो आदि ने बताया कि विगत 22 मार्च से लॉक डाउन शुरू होने के बाद हम लोगों के पास कोई काम नहीं रह गया था. मजदूरों ने बताया कि 2 मार्च को हम लोग अपने घर से मजदूरी करने मिदनापुर पहुंचे ही थे. लाॅक डाउन चालू होने के बाद से खाने के भी लाले पड़ने लगे. स्टोर के संचालक द्वारा 200 ग्राम चावल एवं 200 ग्राम आटा प्रति व्यक्ति देकर किसी तरह जान बचाने को कहा गया. हम लोग करीब 2 माह तक इसी तरह अपना जान बचाते रहे.
मजदूरों ने बताया कि घर से पैसा मंगवा कर 2000 से 2500 रूपये तक में सभी लोगों ने साइकिल खरीदा. जिस साइकिल से शनिवार की अहले सुबह करीब 4 बजे होमगर बाजार से चला. रास्ते में कई जगहों पर बंगाल, झारखंड एवं बिहार प्रशासन के अधिकारियों एवं मेडिकल टीमों के द्वारा जांच भी की गई. जसीडीह के रास्ते मटिहानी गंगा घाट पार कर सोमवार की दोपहर बलिया पहुंचा. बलिया पहुंचे उक्त सभी मजदूरों की पीएचसी में थर्मल स्क्रीनिंग कर क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजने की तैयारी की जा रही है.