शेखपुरा। बिहार के शेखपुरा जिले में खुदाई
के दौरान पालकालीन मूर्तियां और अवशेष मिले हैं। लेकिन लोगों के बीच चर्चा का विषय
है भगवान विष्णु की मूर्ति। पुरातत्व विभाग का कहना है कि भगवान विष्णु की यह
मूर्ति पालकालीन है। पालकालीन यानी कि भारत में करीब 800 से 1200 ईंसवी के बीच
का समय। पाल राजवंश पूरी तरह से क्षत्रिय राजवंश था। पाल साम्राज्य के राजाओं ने
वास्तु कला को बहुत बढ़ावा दिया। पाल साम्राज्य उत्तर भारत का सबसे शक्तिशाली और
महत्वपूर्ण साम्राज्य माना जाता है। powered
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में दूल्हे ने स्क्रीन पर… शादी के 19 दिन बाद पत्नी ने ब्लेड से काट दिया पति का प्राइवेट पार्ट… पाल राजा
हिन्दू थे लेकिन वो बौद्ध धर्म को भी मानने वाले थे।
पाल राजाओं के समय में बौद्ध
धर्म को बहुत संरक्षण मिला। पाल राजाओं ने हिन्दू धर्म को आगे बढ़ाने के लिए शिव
मंदिरों का निर्माण कराया और शिक्षा के लिए विश्वविद्यालयों का निर्माण कराया। यह
पूर्व मध्यकालीन राजवंश था। शेखपुरा में पालकालीन मूर्ति और अन्य सामान मिलने से
पुरातत्वविद हैरान हैं। वे इस इलाके में और भी खुदाई करने की तैयारी में हैं।
खुदाई में भगवान विष्णु की मूर्ति के साथ कई ऐसे सामान मिले हैं, जो उस वक्त
खेती-किसानी में प्रयोग में आते रहे होंगे। बताया जा रहा है कि शेखपुरा के मेहुस
गांव में पालकालीन मिले अवशेष की बनावट इस तरह की हैं। जिसे देखकर ऐसा लगता है
मानो वह गु्प्तकाल और पाल काल के मध्य की हैं। इस मूर्ति में गदा देवी और चक्र
पुरुष का अंकन है। भगवान विष्णु की मूर्ति अष्ट कमल पर बिराजमान है। जिसमें भगवान
के हाथों में शंख, गदा और चक्र धारण किए हुए है। ग्रामीणों ने भोला दास के नेतृत्व में पूजा
पाठ शुरू कर दिया है।