पटना. पूर्णिया में राजद के दलित नेता रहे शक्ति मलिक हत्या मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीबीआई जांच की मांग की है. इस बाबत उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि उनकी इस मांग पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी और मामले की सच्चाई सामने आएगी. राजद नेता ने यह भी लिखा है कि पुलिस चाहे तो उनसे पूछताछ भी कर सकती है, वे इसके लिए तैयार हैं.
राजद का कहना है कि विधानसभा का चुनाव सिर पर है ऐसे समय में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव को हत्या के मामले में नामजद अभियुक्त बनाया जाना एक गंभीर राजनीतिक षडयंत्र है. तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने लेटर पैड पर सीएम नीतीश को जो पत्र लिखा है उसका मजमून कुछ यूं है.
आदरणीय नीतीश जी,
जैसा की आपको विदित है कि कुछ दिन पहले पूर्णिया जिले के एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता की जघन्य हत्या की गई. अधिक व्यस्तता की वजह से मुझे थोड़ी देर से तमाम मामले की जानकारी प्राप्त हुई. फिर हमने यह भी देखा कि एक प्रेरित एफआईआर, जिसमें मुझे और मेरे बड़े भाई को नामजद करने के बाद आपके मीडिया प्रबंधन के कौशल की कहानियां सामने आने लगीं. दिन रात आपके प्रवक्ताओं नेताओं की ओछी व आधारहीन टिप्पणियों के बावजूद मेरा मानना है कि कानून अपना काम करे और त्वरित अनुसंधान हो जैसा आप के शासन की प्रवृत्ति रही है. सत्ता शीर्ष पर बैठे आला लोग इसे प्रभावित करने की कोशिश करने के लिए भी स्वतंत्र हैं. आपके अपने ही लोग कई बार आप के अधीन काम कर रही बिहार पुलिस के साथ और काबिलियत पर प्रश्नचिन्ह उठा चुके हैं. पीड़ित परिवार को यथाशीघ्र न्याय मिले और दूध का दूध और पानी का पानी हो इस मंशा के साथ मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इस मामले की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की किसी भी एजेंसी से अविलंब जांच कराने की अनुशंसा की जाए. गृह मंत्री के नाते अगर आप चाहें तो नामांकन पूर्व में गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए बुला सकते हैं. आशा है आप इस पर त्वरित विचार करते हुए अनुसंधान की जिम्मेवारी सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा करेंगे.
सादर
तेजस्वी प्रसाद यादव
जैसा की आपको विदित है कि कुछ दिन पहले पूर्णिया जिले के एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता की जघन्य हत्या की गई. अधिक व्यस्तता की वजह से मुझे थोड़ी देर से तमाम मामले की जानकारी प्राप्त हुई. फिर हमने यह भी देखा कि एक प्रेरित एफआईआर, जिसमें मुझे और मेरे बड़े भाई को नामजद करने के बाद आपके मीडिया प्रबंधन के कौशल की कहानियां सामने आने लगीं. दिन रात आपके प्रवक्ताओं नेताओं की ओछी व आधारहीन टिप्पणियों के बावजूद मेरा मानना है कि कानून अपना काम करे और त्वरित अनुसंधान हो जैसा आप के शासन की प्रवृत्ति रही है. सत्ता शीर्ष पर बैठे आला लोग इसे प्रभावित करने की कोशिश करने के लिए भी स्वतंत्र हैं. आपके अपने ही लोग कई बार आप के अधीन काम कर रही बिहार पुलिस के साथ और काबिलियत पर प्रश्नचिन्ह उठा चुके हैं. पीड़ित परिवार को यथाशीघ्र न्याय मिले और दूध का दूध और पानी का पानी हो इस मंशा के साथ मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इस मामले की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की किसी भी एजेंसी से अविलंब जांच कराने की अनुशंसा की जाए. गृह मंत्री के नाते अगर आप चाहें तो नामांकन पूर्व में गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए बुला सकते हैं. आशा है आप इस पर त्वरित विचार करते हुए अनुसंधान की जिम्मेवारी सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा करेंगे.
सादर
तेजस्वी प्रसाद यादव
बता दें कि शक्ति कुमार मलिक पहले राजद के अनुसूचित जाति मोर्चा के महासचिव थे, कुछ दिन पहले ही उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. कयास लगाए जा रहे थे कि वे रानीगंज से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, ऐसे में एक दलित नेता की हत्या सवालों के घेरे में है. गौरतलब है कि मलिक की हत्या मामले में तेजस्वी और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव सहित छह लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है.