पटना: सदन में विपक्ष के विधायकों को किस कानून के तहत पीटा गया? यह घटना इतिहास के काले अध्याय के रूप में लिखी जाएगी. जब जनता के प्रतिनिधि ही पीटे जा रहें हैं तो आम जनता का क्या होगा? पुलिस आम आदमी को बिना किसी अपराध के मारेगी और कोई कुछ नहीं कर पायेगा. इस घटना को लेकर हम हाई कोर्ट जाएंगे और अगर जरूरत पड़ी सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे. उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कही. वे मंदिरी स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थें.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने बंदूक के बल पर जन प्रतिनिधियों की आवाज दबाने की कोशिश की. सदन में विधायकों को लात से मारा गया. एक महिला जन प्रतिनिधि को घसीटा गया. विपक्ष के विधायकों को इतना पीटा गया है कि वे अब अपने क्षेत्र में भी जाने की स्थिति में नहीं हैं.
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री इस बात का जवाब दें कि कौन सी ऐसी परिस्थिति आ गई थी कि पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को सदन में बुलाना पड़ा? इस सरकार ने लोकतंत्र को शर्मसार किया है. नीतीश कुमार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. इस घटना के विरोध में विपक्ष के सभी विधायकों को सामूहिक इस्तीफा दे देना चाहिए. मैं जद(यू) के विधायकों से भी आग्रह करूंगा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए आप भी आगे आएं और इस्तीफा दें.
स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष को सदन की नियमावली के बारे में पता नहीं है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि सदन कैसे चलाएं. इस घटना से संविधान, लोकतंत्र और सदन की गरिमा तार-तार हो गई है.
दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि दोषी पदाधिकारियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए. यदि सजा नहीं मिलती है तो विपक्षी दलों के सभी विधायकों को राज भवन मार्च करना चाहिए और जरूरत पड़े तो राष्ट्रपति से भी मिलना चाहिए.
इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रानी चौबे और राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू उपस्थित रहे.