DESK: कृषि बिल पर राज्यसभा में रविवार को मचे घमासान के बाद निलंबित सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग तेज हो गई है. कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के साथ समाजवादी पार्टी से सांसद रामगोपाल यादव और पूर्वी पीएम एचडी देवेगौड़ा ने भी सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग की. समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि सदन में जो हुआ उससे वह ‘दुखी’ हैं. 8 सांसदों की ओर से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा, ‘जब गुस्सा ज्यादा होता है तो लोग नियंत्रण खो देते हैं. मैं चेयर से सांसदों के निलंबन को रद्द करने का अनुरोध करता हूं.’
सपा के राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव ने कहा, ‘मैं संसद का वरिष्ठ सदस्य होने के नाते सदन में जो कुछ भी हुआ उसके लिए क्षमा मांग चुका हूं, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई. इससे मैं खुद को बेहद अपमानित महसूस कर रहा हूं. मेरी पार्टी ने पूरे सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया है.’
इससे पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि जब तक उच्च सदन के 8 सदस्यों का, मानसून सत्र की शेष अवधि से निलंबन वापस नहीं लिया जाता. तब तक विपक्ष कार्यवाही का बहिष्कार करेगा. शून्यकाल के बाद आजाद ने उच्च सदन में यह भी मांग की कि सरकार को ऐसा विधेयक लाना चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि निजी कंपनियां सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम में किसानों का अनाज न खरीदें. उन्होंने सरकार से कहा कि सरकार को स्वामीनाथन फार्मूले के अनुसार, समय समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करते रहना चाहिए.
वहीं पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने सभापति से कहा, ‘सरकार और विपक्ष को आपस में बैठकर सदन चलाने में मदद करनी चाहिए. हम तमाशे के लिए यहां नहीं आए हैं. सरकार को समझ में आना चाहिए कि विपक्ष और सरकार दोनों को एक साथ बैठकर सदन चलाने में मदद करनी होगी. लोकतंत्र में सहयोग से काम करना चाहिए.’