मोतिहारी (प्रकाश राज)। बिहार सरकार के गृह विभाग ने साल एक अंतिम दिन बड़े स्तर पर अधिकारियों का तबादला किया है, कई जिलों के एसपी भी बदले गए है। औरंगाबाद के एसपी कांतेश मिश्रा को पूर्वी चंपारण का एसपी बनाया गया है। मिश्रा 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी है। कड़क मिजाज वाले कांतेश मिश्रा के बारे में पुलिस महकमे के लोग कहते है की लापरवाही उन्हें बर्दास्त नही है, अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए वो जाने ही जाते है।
सरल स्वभाव और साहित्य से जुड़ाव रखने वाले आईपीएस कांतेश कुमार मिश्रा भोजपुर जिला के बिहिया थाना क्षेत्र के महुआंव गांव के रहने वाले हैं। उनकी प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा पश्चिम बंगाल के बर्धमान में हुई। चार साल की उम्र में पिता उन्हें बंगाल लेकर चले गए। काफी संघर्ष से पिता धर्मदेव मिश्रा को प्राइवेट शिक्षक की नौकरी मिली। लिहाजा उन्हें बर्धमान के एक औसत स्कूल में पढ़ाई-लिखाई हुई। चौथी से आठवीं क्लास तक डीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़े। सुंदरगढ़ डीएवी से 2006 में 91.4 फीसदी अंक के साथ बारहवीं पास किया। फिर बंगाल शांति निकेतन से बीटेक किया। गेट क्वालीफाई हुए। इसके बाद इनफोसिस व टीसीएस में नौकरी लगी, लेकिन टीसीएस में योगदान किया।
2012 में इको बैंक की परीक्षा पास की और नौकरी मिली, लेकिन मन में कुछ अलग हीं करने की तमन्ना थी। आठवीं क्लास में ही मन में आईएएस या आईपीएस बनने का अंकूर फूटा था। हर हाल में लक्ष्य भेदना चाहते थे। लिहाजा आईआईटी और यूपीएससी की तैयारी में लगे रहे। आईआईटी में असफलता मिली।
यूपीएससी में दूसरे प्रयास में 2015 में उन्हें सफलता मिली और उन्हें आईपीएस सेवा मिली। पटना में ग्रामीण एसपी रह चुके कांतेश कुमार औरंगाबाद में एसपी की भूमिका निभा रहे हैं। एक के बाद एक कई अपराधिक वारदातों का उद्भेन कर अपनी योग्यता को साबित कर चुके हैं।मोतिहारी में बढ़ते अपराध पर लगाम लगाना आईपीएस कांतेश मिश्रा के लिए बड़ी चुनौती होगी।
आईपीएस कांतेश मिश्रा ने लिखा है किताब
आईपीएस कांतेश मिश्रा का लगाव शुरू से ही साहित्य से रहा है। फुर्सत के पल में आईपीएस मिश्रा किताबें लिखते है। अमेजन पर आईपीएस कांतेश मिश्रा के द्वारा लिखे गए दो किताब उपलब्ध है। पाटलिपुत्र के छांव और मगध सा मन में आईपीएस मिश्रा ने अपनी भावनाओं को भी दर्शाया है।