पटना। आठ महीने का मासूम अयांश एक ऐसी दुर्लभ बीमारी का शिकार है, जो लाखों में किसी एक को होती है. मामला पटना के रूपसपुर रुकनपुरा का है. यहां रहने वाले आलोक कुमार सिंह और नेहा सिंह के बेटे अयांश को SMA (Spinal Muscular Atrophy type -1) नाम की दुर्लभ बीमारी है. अयांश मात्र 10 महीने का है. वह जब 2 महीने का था तो इस बीमारी का पता लगा था.
एसएमए के शिकार बच्चे के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं. अयांश की गर्दन के एक हिस्से ने काम करना बंद कर दिया है. 10 महीने बाद भी अयांश की हालत नवजात की तरह है. अयांश की मां नेहा सिंह बताती हैं कि जब हमें इस बीमारी का पता चला तो विश्वास नहीं हुआ. नेहा बच्चे का इलाज बंगलुरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एन्ड न्यूरो साइंस में करा रही हैं.
स्पाइनल मस्क्युलर एट्रोफी (SMA) के इलाज के लिए Zolgensma नाम के इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है. इसकी एक इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ रुपये है. यह भारत में उपलब्ध नहीं है, इसे अमेरिका से मंगाना होता है. इस महंगे इलाज के सामने माता-पिता असहाय हो गए हैं. अयांश की मां नेहा सिंह बच्चे के इलाज के लिए लोगों से मदद मांग रही हैं. नेहा सिंह ने क्राउड फंडिंग की शुरुआत की है और सोशल मीडिया के जरिये भी लोगों से मदद मांगी हैं. अयांश के इलाज के लिए कई अलग-अलग संगठनों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगो ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। अयांश के इलाज में ब्रावो फाउंडेशन ने भी आर्थिक मदद करने की बात कही है। ब्रावो फार्मा के चेयरमैन व ब्रावो फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक राकेश पांडेय ने बताया कि मासूम अयांश के ईलाज में 5 लाख रुपये की मदद ब्रावो फाउंडेशन के ओर से की जाएगी। श्री पांडेय ने लोगो से अपील भी किया कि मासूम के इलाज के लोगो को आगे आना चाहिए, 5 लाख की राशि एक माँ के बेटे से बड़ा नही है, हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि मासूम के ईलाज में आगे भी मदद करें । श्री पांडेय ने कहा कि कल अयांश के परिवार के लोगो से मुलाकात कर मदद की राशि दूंगा।
मोतिहारी के महिला के इलाज के लिए दिया एक लाख
ब्रावो फाउंडेशन के ओर से इससे पूर्व मोतिहारी के एक महिला के ईलाज के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद की गई। शहर के बेलवनवा मोहल्ले की निवासी उषा मिश्रा को ब्लड कैंसर है और ईलाज के लिए आर्थिक मदद सोशल मीडिया के माध्यम से परिवार ने की थी। जैसे ही एक बात की जानकारी ब्रावो फार्मा के चेयरमैन राकेश पांडेय को मिली उन्होंने तुरंत ईलाज के लिए एक लाख की आर्थिक मदद किया।