बिहार और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश की आशंका है। बारिश होने से उत्तर बिहार में गोपालगंज से लेकर कटिहार तक संकट और बढ़ेगा। उत्तर बिहार में बाढ़ के कारण पहले से ही 10 लाख लोग प्रभावित हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने तटबंध व सड़कों पर शरण ले रखी है। यदि नदियों का जलस्तर और बढ़ा तो प्रभावित होने वालों का आंकड़ा 25 लाख तक पहुंच सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने नेपाल व उत्तर बिहार दोनों ही जगहों पर एक अगस्त तक भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है।
पूर्वानुमान के अनुसार एक अगस्त तक उत्तर बिहार व नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश की आशंका है। उत्तर बिहार में पहले से ही 15 जिलों के 24 रेनगेज स्थलों पर सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इन सात नदियों में करीब दो दर्जन जगहों के तटबंध पर पहले से भारी दबाव है।
उत्तर बिहार में प्रमुख सात नदियों का जलग्रहण क्षेत्र नेपाल ही है। ऐसे में आशंका है कि पहले से ही बाढ़ का संकट झेल रहे 15 जिलों में तबाही और मचेगी। इन जिलों के सात नदियों में 29 रेनगेज स्थल है जहां नदी के जलस्तर की मापी होती है। इनमें से 24 स्थलों पर नदियां पहले से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल संसाधन विभाग ने इसकी सूचना सभी जिलों को देते हुए आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए हैं।
उत्तर बिहार में बाढ़ के कारण वर्तमान में 10 लाख लोग प्रभावित हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने तटबंध व सड़कों पर शरण ले रखी है। यदि नदियों का जलस्तर और बढ़ा तो प्रभावित होने वालों का आंकड़ा 25 लाख तक पहुंच सकता है। दो दर्जन जगहों पर तटबंध टूटने का खतरा बना हुआ है। फिलहाल चंपारण व मिथिलांचल में पहले से ही आधा दर्जन जगहों पर तटबंध टूट गए हैं। यदि तटबंधों में टूट की संख्या बढ़ेगी तो विस्थापित की संख्या दोगुनी हो सकती है।