पटना. बिहार पंचायत चुनाव जैसे-जैसे अपने अगले चरण की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अलग-अलग पद के उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के द्वारा आचार संहिता उल्लंघन का मामला भी सामने आ रहा है. अगर बात करें राजधानी पटना की तो यहां अब तक 30 उम्मीदवारों पर आचार संहिता उल्लंघन मामले में एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है. सबसे ज्यादा मामले मुखिया प्रत्याशियों के खिलाफ दर्ज हुये हैं. अब तक 15 मुखिया उम्मीदवारों पर अलग-अलग कारणों से आचार संहिता मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है. पटना के डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निर्देशानुसार अलग-अलग टीम बनाकर वैसे प्रत्याशियों पर नजर रखी जा रही है जो नियम तोड़ रहे हैं. मिली जानकारी के अनुसार 18 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच चार थाना क्षेत्रों के 30 लोगों पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में कार्रवाई हुई है. साथ ही 12 वाहनों को भी अनुमति नहीं लेने के कारण जब्त किया गया है.
पटना जिला प्रशासन ने पालीगंज थानाक्षेत्र में 18, दुल्हिनबाजार में 3, नौबतपुर में 6 और बिक्रम में 3 मामले दर्ज कराये हैं. बताया जाता है कि प्रशासन आगे भी ऐसे उम्मीदवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के मूड में है.
इन पदों के उम्मीदवारों पर दर्ज हुआ FIR
मिली जानकारी के अनुसार पटना जिला प्रशासन ने जिन उम्मीदवारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, उनमें मुखिया के 15 उम्मीदवार, सरपंच के 3 उम्मीदवार, जिला परिषद सदस्य के एक उम्मीदवार और वार्ड सदस्य के एक उम्मीदवार शामिल हैं. इसके अलग अलावा जब्त वाहनों के ड्राइवर और उम्मीदवारों के समर्थकों पर मामला दर्ज कराया गया है.
इन कारणों की वजह से दर्ज हुआ एफआईआर
उम्मीदवारों पर बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाने, मतदाताओं को आर्थिक प्रलोभन देकर प्रभावित करने समेत आचार संहिता उल्लंघन के अन्य मामलों को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है. मिली जानकारी के अनुसार वाहन चेकिंग के दौरान 62600 रुपये भी जब्त किए हैं.