DESK: भाजपा के खिलाफ जाकर लोजपा या अन्य पार्टी से चुनाव लड़ने वाले नौ नेताओं को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। जिन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा गया है उसमें नोखा के पूर्व विधायक रामेश्वर चौरसिया व दिनारा से चुनाव लड़ रहे प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भी शामिल हैं।
पार्टी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जो कोई भी दूसरे दल से चुनाव लड़ रहे हैं, वो अपना नाम वापस ले लें। ऐसा नहीं होने पर पार्टी की ओर से उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को पहले चरण के लिए नाम वापसी की तिथि समाप्त हो गई लेकिन किसी ने भी अपना नाम वापस नहीं लिया। इसे देखते हुए भाजपा ने सभी नौ नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधान पार्षद डॉ संजय मयूख ने कहा कि इन नेताओं के निष्कासन का निर्णय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल की सहमति के बाद लिया गया है। दल से छह साल के लिए निष्कासित नेताओं में रोहतास से राजेन्द्र सिंह व रामेश्वर चौरसिया, पटना ग्रामीण से डॉ उषा विद्यार्थी व अनिल कुमार, झाझा से रवीन्द्र यादव, भोजपुर से श्वेता सिंह, जहानाबाद से इंदू कश्यप, बांका से मृणाल शेखर व जमुई से अजय प्रताप शामिल हैं।
गौरतलब है कि सभी नौ नेता चुनावी मैदान में डटे हैं। इसमें रामेश्वर चौरसिया सासाराम से, राजेन्द्र सिंह दिनारा से, उषा विद्यार्थी पालीगंज से, श्वेता सिंह संदेश से, झाझा से रवीन्द्र यादव, जहानाबाद से इंदू कश्यप, अमरपुर से मृणाल शेखर, अनिल कुमार बिक्रम तो अजय प्रताप जमुई से एनडीए प्रत्याशियों के खिलाफ चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। अजय प्रताप रालोसपा तो अनिल कुमार निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। बाकी सातों प्रत्याशी लोजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं।
सभी नौ प्रत्याशी एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इससे एनडीए के साथ ही भाजपा की छवि भी धूमिल हो रही है। यह पार्टी अनुशासन के खिलाफ भी है। उन्हें चेतावनी दी गई थी पर सभी ने नाम वापस नहीं लिया। इस कारण ही सभी नौ नेताओं को छह साल के लिए दल से निष्कासित किया गया है।
– डॉ संजय जायसवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष