अमरदीप नारायण प्रसाद।
समस्तीपुर : किसान के लाल राजेश कुमार सुमन पीठ पर पानी गैलन में रखे पौधा और नाक में ऑक्सीजन मास्क लगाए यह युवक आमजन को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे है। साथ ही सांस हो रही कम, आओ पेड़ लगाए हम.. के तहत मुहिम चला रहे है। समस्तीपुर जिला के रोसड़ा प्रखंड स्थित ढरहा गांव के कुशवाहा टोल निवासी किसान श्री राम चरित्र महतो के बड़े पुत्र व मशहूर इनवायरामेंट एंड क्लामेट चेंज एक्टिविस्ट राजेश कुमार सुमन लोगों को वायु प्रदूषण के दुष्परिणामों और इसके बचाव से अवगत करा रहे है। वह देश के विभिन्न स्थानों पर पहुंचकर लोगों के बीच जागरूकता फैला रहे है। सुमन अपने पीठ पर पानी बोतल का डिब्बा लटका कर उसमें एक पौधा रखे हुए है। जिसमें से ऑक्सीजन निकलता हुआ पाइप नाक तक पहुंचता है। इस सांकेतिक डेमोंस्ट्रेशन से आमजन को बता रहे है कि अगर हम सभी समय रहते अधिक से अधिक पौधारोपण नहीं करते हैं तो आने वाले समय में हमारी पीढि़यों के साथ शुद्ध जलवायु की कमी होगी। जिससे उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर चलना होगा। उनकी इस मुहिम के कारण लोग उन्हें पौधा वाले गुरुजी ट्री मैन’कहकर पुकारते हैं।
पिछले 2 दशक में लगा चुके 1 लाख पौधा
पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण के प्रति चेतना का कमल खिला तो दिन-ब-दिन उसका आकार और दायरा बढ़ता ही चला गया। पौधारोपण का उनका जुनून ऐसा है कि विगत दो दशक में अबतक 1 लाख से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं। बेटी के नाम से आम का पौधा लगाते है। प्रतिदिन सुबह वह अपने जुनून को मुकाम तक पहुंचाने के लिए निकल पड़ते हैं और वापस लौटने से पहले कई पौधे लगा चुके होते हैं। पौधा वाले ट्रीमैन और ग्रीन मैन के नाम से विख्यात सुमन की कहानी थोड़ी अलग है। पर्यावरण संरक्षण का सबक मिला तो इतनी संतुष्टि मिली, मानो पढ़ाई पूरी हो गई। उनके परिवार में बहन नहीं थी। इसी को लेकर बेटी बचाने के लिए कन्या के जन्म पर नाम से उसके घर पर जाकर पौधा लगाते है। साथ ही उनके माता-पिता से इसे सींचने की सलाह देते है। ताकि बेटी बड़ी होकर शादी के बाद जब अपने ससुराल चली जाएगी तो पेड़ से उसे याद कर सकेंगे। इसको लेकर उन्होंने पौधारोपण करने की ठान ली, ताकि किसी को छाया के लिए भटकना ना पड़े, साथ ही पर्यावरण भी हरा-भरा और स्वास्थ्यकर बना रहे। पेड़ों को मिले जीवित प्राणी का दर्जा
राजेश कुमार सुमन कहते हैं कि पौधारोपण करने के लिए सबको साथ आने की जरुरत है। इसके लिए वे मिशन चला रहे हैं। इसमें वे जिले के हर व्यक्ति को कम से कम एक पौधा लगाने के लिए कह रहे हैं। प्रकृति के सामान्य वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर 21 फीसदी होना चाहिए, जबकि यह स्तर बेहद कम होता जा रहा है। अगर यही स्थिति जारी रहती है, तो जल्दी ही आने वाले समय में लोगों को ऑक्सीजन का सिलिडर लगाकर चलना पड़ेगा। यह अत्यंत ही चिताजनक है।