पटना: रालोसपा प्रमुख उपेद्र कुशवाहा राजधानी पटना में केस दर्ज किया गया है। बिना अनुमति के जुलूस निकालने पर गांधी मैदान थाने की पुलिस ने यह कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार दस नामजद और 400 अज्ञात लोगों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
इससे पहले रविवार को उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि सरकारी स्कूलों की बदहाली के कारण गरीबों से शिक्षा दूर हो गई है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए दिये गये मेरे सुझाव को सरकार ने रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। तीन साल पहले दिये गये सुझाव पर अब तक कोई विचार नहीं हुआ। सरकार चाहती ही नहीं कि शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त हो और गरीबों के बच्चे पड़े। लिहाजा मजबूर होकर पार्टी को सड़क पर उतरना पड़ा।
कुशवाहा अपनी पार्टी द्वारा चलाये जा रहे शिक्षा सुधार सप्ताह के अंतिम दिन रविवार को ‘शिक्षा सुधार मार्च’ को संबोधित कर रहे थे। इसके पहले उन्होंने कार्यक्रम में बदलाव करते हुए गांधी मैदान के गेट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। सभी कार्यकर्ताओं के साथ एक मिनट का मौन रख रघुवंश बाबू को श्रद्धांजलि दी और फिर मौन मार्च शुरू किया।
उन्होंने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री के निधन की सूचना मिली है। सभी जिलों से कार्यकर्ता जुट गये हैं लिहाजा बिना नारा लगाये यात्रा बुद्धा स्मृति पार्क तक जाएगी। लेकिन शुरू होते ही जेपी गोलम्बर से पुलिस ने मार्च को आगे नहीं बढ़ने दिया।
इसके पहले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रालोसपा शिक्षा में सुधार के लिए लगातार कार्यक्रम कर रही है। सरकारी स्कूलों में ना तो पढ़ाई का माहौल है, ना ही शिक्षक हैं। शिक्षा के लिए जरूरी दूसरी व्यवस्था का भी अभाव है। हम चाहते हैं कि पूरी व्यवस्था बदलाव हो। बिना बदलाव के ना गरीब पढ़ेंगे और ना ही उन्हें नौकरी मिलेगी। यह सरकार की बड़ी साजिश है। व्यवस्था में बदलाव अब इस सरकार से संभव नहीं है। लिहाजा विधानसभा चुनाव में सबको शिक्षा के मसले पर ही वोट करना चाहिए। उन्होंने अपील की कि वोट देने से पहले एक बार जरूर सोंचे कि उनके बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा। राजनीतिक दलों से भी उन्होंने शिक्षा के मसले को ही अपना मूल मुद्दा बनाने की अपील की।