GOPALGANJ: बिहार में शराबबंदी क्या हुई गोपालगंज जिले की जमीन ने अनाज की बजाय दारू उगलना शुरू कर दिया है! अगर आपको हमारी बातों का यकीन नहीं हो तो खुद वीडियो देख कर इसका अंदाजा लगा लीजिये. आप देख कर चौंक जाएंगे कि कैसे गेहूं की खेत से जमीन के अन्दर से कच्ची शराब की खेप डीएम और एसपी की मौजूदगी में बाहर निकलने लगी. बिहार में शराबबंदी है, लेकिन इसकी तस्करी के किस्से किसी से छिपे नहीं हैं.
शराबबंदी के बावजूद गोपालगंज में प्रतिदिन शराब की बड़ी खेप जब्त की जाती है और धंधेबाज भी गिरफ्तार किये जाते हैं. बावजूद इसके यहां शराब की तस्करी बेरोकटोक जारी है. शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए जिले के डीएम अरशद अजीज और एसपी मनोज कुमार तिवारी अपने अन्य अधिकारियों के साथ सोमवार को अचानक मांझागढ़ के विशम्भरपुरा गांव पहुंचे. दरअसल, डीएम को सूचना मिली थी कि यहां विशम्भरपुरा गांव के बाहर करीब आधा दर्जन घरों में कच्ची शराब बनती है और उसका बेरोकटोक धंधा चल रहा है.
सूचना पर डीएम और एसपी के अलावा सदर एसडीएम और एसडीपीओ ने कई घरों में घुसकर शराब की खेप को लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया. इन घरों में शराब नहीं मिली, लेकिन घर के पास गेहूं लगे खेत में जब पुलिस जवानों ने बारीकी से सर्च किया तो यहां जगह-जगह कच्ची स्प्रिट और शराब के ड्रम जमीन के अन्दर दबे होने की बात पता चली. यहां से पुलिस जवानों ने एक दर्जन से ज्यादा ड्रम बाहर निकाला. कच्ची शराब को नष्ट किया गया.
जमीन से शराब की बरामदगी के बाद डीएम ने यूपी की सीमा से सटे एनएच 28 के किनारे कई लाइन होटलों की जांच की और वहां शराब पिए जाने की पुष्टि होने के बाद एक होटल संचालक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. डीएम अरशद अजीज ने कहा कि कई जगहों से देशी शराब बरामद किए गए हैं. इसके अलावा सड़क किनारे ढाबा की जांच की गयी है, लेकिन शराब नहीं मिली है. होटल में ग्लास और शराब के रैपर बिखरे पड़े हैं, जिसको लेकर होटल के संचालक के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.