पटना. सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने रविवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस बार मेरी मुख्यमंत्री बनने की जरा भी इच्छा नहीं थी. लेकिन मुझ पर दबाव डाला गया तो मैंने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करना स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि कोई भी बने मुख्यमंत्री, किसी को भी बना दिया जाए मुख्यमंत्री, मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ना है. इस पद पर बने रहने की मेरी तनिक भी इच्छा नहीं है.
आपको ध्यान दिला दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में प्रचार के दौरान एक बार नीतीश कुमार ने एक जनसभा में यह भी कहा था कि यह मेरा आखिरी चुनाव है. उस वक्त भी राजनीति से उनके मोहभंग की झलक मिली थी. इस बार के बयान को भी जनता इसी रूप में देख रही है. हालांकि इस बार के बयान के बाद कांग्रेस ने नीतीश कुमार के बयान पर हमला बोला है.
नीतीश कुमार नाटक कर रहे: कांग्रेस
नीतीश कुमार के बयान पर बिहार की सियासत गरमा गई है. उनके बयान पर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि नीतीश कुमार नाटक कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि नीतीश कुमार को कोई जबरन क्यों बनाएगा सीएम? 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी सीएम नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को बनाया था सीएम, लेकिन बाद में खुद बैठ गए सीएम की कुर्सी पर. उन्होंने कहा कि सीएम भाजपा के अपमान से दुखी हैं. इस बार मैंडेट बिहार की जनता ने तेजस्वी यादव के पक्ष में दिया था. नीतीश जबरन बने हुए सीएम.
नीतीश के बयान पर जदयू ने जताई सहमति
नीतीश कुमार के बयान पर जदयू ने सफाई दी है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश को नहीं है पद का कोई लालच. जनता की इच्छा पर फिर से सीएम बने हैं. जनता की भावनाओं का नीतीश कुमार ने इस बार भी सम्मान किया है.
आपको याद दिला दें कि आज जदयू प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई है. बैठक में राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं. सीएम नीतीश कुमार ने खुद उनके नाम का प्रस्ताव दिया था. राष्ट्रीय कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से नीतीश कुमार के प्रस्ताव का समर्थन किया.