भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले के इशाकचक थाना इलाके से मंगलवार को तेलंगाना पुलिस ने लोन देने के नाम पर दो हजार करोड़ की हेराफेरी करने वाले इंजीनियर हेमंत झा को गिरफ्तार किया है. इंजीनियर हेमंत झा थाना क्षेत्र के विषहरी स्थान का रहने वाला है. वह लोन देने वाली कंपनी का डायरेक्टर था. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में जब बेरोजगारी बढ़ी तो उसने इसका पूरा फायदा उठाया और ऐप बनाकर लोगों को लोन देने लगा.
पुलिस को हेमंत के दोस्त की तलाश
आरोपी युवाओं और किसानों को लोन देता था और लोन पर 35% तक ब्याज की वसूली करता था. उसने इसकी रिजर्व बैंक से मंजूरी तक नहीं ली थी. कर्ज के बोझ तले दबे लोगों के पैसे न चुकाने पर वो उन्हें प्रताड़ित करता था. इससे तंग आकर कुछ लोगों ने आत्महत्या तक कर ली है. फिलहाल, इशाकचक थाने में रख कर तेलंगाना पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. इस मामले में पुलिस को हेमंत के एक दोस्त की भी तलाश है, जो दिल्ली का रहने वाला है. इनमें किसान भी शामिल थे.
मिली जानकारी अनुसार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तेलंगाना के पेट वारिसाबाद थाने के इंस्पेक्टर एस. रमेश भागलपुर में कैंप कर रहे थे. इसी क्रम में मंगलवार को इशाकचक पुलिस के सहयोग से तेलंगाना पुलिस ने छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार किया. आरोपी को पुलिस कोर्ट में प्रस्तुत कर तेलंगाना पुलिस अब ट्रांजिट रिमांड पर उसे तेलंगाना ले जा रही है.
बता दें कि करोड़ों की हेराफेरी के बाद तेलंगाना की कंपनी के डायरेक्टर समेत अन्य पर केस दर्ज हुआ था. तकनीकी जांच के आधार पर आरोपी की भागलपुर से गिरफ्तारी हुई.
मिली जानकारी अनुसार तेलंगाना पुलिस ने करोड़ों रुपए के लोन घाेटाले का खुलासा किया है. ये लाेन ऐप के जरिए दिये जाते थे. इस मामले में 75 बैंक खातों में जमा 423 करोड़ रुपए भी जब्त किए गए हैं. ये सारा धंधा 30 मोबाइल ऐप के जरिए किया जा रहा था.
इशाकचक थाना क्षेत्र से पकड़े गये आरोपी हेमंत झा के बारे में भागलपुर के डीएसपी पूरण झा ने बताया कि तेलंगाना पुलिस ने फ्लैक्स कैश, लक्की वॉलेट, रूपी प्लस, फ़ास्ट कैश और मोटा पैसा लोन एप के जरिए ठगी के मामले के बारे में जानकारी दी थी और आरोपी के गिरफ्तारी को लेकर मदद मांगी थी. आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. मामला फर्जीवाड़ा और कई किसानों के खुदकुशी से जुड़ा है. फिलहाल तेलंगाना पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है.