डेस्क: दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाएंगे। उनकी ओर से जेल प्रशासन को पैरोल की अर्जी दाखिल की गई थी लेकिन कई जरूरी कानूनी प्रक्रिया की वजह से स्वीकृति नहीं मिली है। पूर्व सांसद के पिता शेख मोहम्मद हसीबुल्लाह का शनिवार रात इंतकाल हो गया, वो 90 वर्ष के थे। बताया जा रहा कि पिछले कुछ दिनों से शेख मोहम्मद हसीबुल्लाह बीमार चल रहे थे।
शनिवार को पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पिता शेख मोहम्मद हसीबुल्लाह के इंतकाल की खबर मिली। जिसके बाद उनके वकीलों ने उनकी पैरोल को लेकर कवायद शुरू की। हालांकि, जेल प्रशासन से इसकी अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में शहाबुद्दीन अपने पिता के सुपुर्द-ए-खाक की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे। पूर्व सांसद के पिता का अंतिम संस्कार रविवार शाम छह बजे उनके पैतृक गांव प्रतापपुर के कब्रिस्तान में किया जाएगा।
बिहार के बहुचर्चित तेजाब कांड में पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन जेल की सलाखों के पीछे हैं। करीब 16 साल पहले सिवान के कारोबारी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू के दो बेटों की हत्या तेजाब से नहलाकर कर दी गई थी। इस मामले में स्पेशल कोर्ट ने शहाबुद्दीन को दोषी ठहराया था। अदालत ने शहाबुद्दीन को धारा 302, 201, 364 और 120B का दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बाद में पटना हाईकोर्ट से भी शहाबुद्दीन को इस मामले में राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने सिवान की विशेष अदालत के फैसले को जारी रखते हुए शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी थी। जिसके बाद से शहाबुद्दीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में ही बंद हैं।