नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा की. पैकेज की इस किस्त में कोयला, रक्षा विनिर्माण, विमानन, अंतरिक्ष, बकजली वितरण आदि क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों पर जोर है. डिफेंस प्रोडक्शन में एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा. पैकेज की चौथी किस्त की मुख्य बिंदुओं का यहां जिक्र है.
कोयला क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को वाणिज्यिक खनन शुरू करने के लिए करीब 50 ब्लाक पेश किए जाएंगे. सरकार का एकाधिकार खत्म होगा.
कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रति टन शुल्क की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेश की जाएगी.
खनिज क्षेत्र में खोज-खनन-उत्पादन एक समग्र अनुमति की व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी. 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी.
कुछ हथियारों/हथियार मंचों के आयात पर रोक लगेगी, ऐसे हथियार और साजो सामान की खरीद सिर्फ भारत से की जा सकेगी.
रक्षा विनिर्माण (डिफेंस प्रोडक्शन) क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी (FDI) निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी की जाएगी.
यात्री उड़ानों के लिये भारतीय एयर स्पेस पर लगी पाबंदियों में ढील दी जाएगी, इससे विमानन क्षेत्र को एक साल में एक हजार करोड़ रुपये का लाभ होगा.
खदानों से निकाले गए कोयले के उठाव की बुनियादी सुविधाओं पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी.
छह और एयर पोर्ट्स में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी के लिए नीलामी की जाएगी. 12 एयर पोर्ट्स में प्राइवेट कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश मिलेगा.
केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा.
उपग्रहों, लॉन्च और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं समेत भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में निजी कंपनियों को भगीदारी के अवसर मिलेंगे.
कैंसर और दूसरी बीमारियों के किफायती उपचार के लिए पीपीपी आधार पर रिसर्च न्यूक्लियर प्लांट बनाए जाएंगे.