पटना. बिहार विधानसभा के जारी बजट सत्र के दौरान मंगलवार को अनोखा नजारा देखने को मिला. विधानसभा अध्यक्ष सभी विधायकों को ऑनलाइन सवाल का जबाब पढ़ कर आने की हिदायत दे रहे थे क्योंकि ज्यादातर विधायक जवाब ऑनलाइन आने के बाद भी बिना पढ़े ही सरकार से जबाब मांग रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के बार-बार कहे जाने के बाद भी विधायक सरकार के द्वारा दिए गए ऑनलाइन जवाब को नहीं पढ़ रहे थे जिस पर वो लगातार नाराजगी भी जाहिर कर रहे थे लेकिन ऑनलाइन जवाब नहीं पढ़ कर आने के मामले में एक विधायक की मासूमियत भरे जवाब को सुनकर विधानसभा अध्यक्ष भी कुछ देर के लिए चुप हो गए.
विधान सभा मे विधायकों के सवालों का जवाब सरकार के मंत्री दे रहे थे. कई विधायक ऑनलाइन भी सरकार का जवाब पढ़कर आए थे लेकिन कुछ ऐसे थे जिन्होंने ऑनलाइन जवाब नहीं पड़ा था और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बार बार समझा रहे थे. इसी दौरान जीरादेई के माले विधायक अमरजीत कुशवाहा का भी सवाल आया, जिसमें उन्होंने सीवान जिला के मैरवा प्रखंड के मिश्री सदा अनुदानित कालेज का मामला उठाया था. विधायक ने कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक अनुदान राशि बकाया है जिससे शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है.
इस सवाल का जवाब भी शिक्षा विभाग के द्वारा ऑनलाइन दे दिया गया था लेकिन विधायक अमरजीत कुशवाहा उसे पढ़ नहीं सके थे. जब विधानसभा अध्यक्ष ने पूछा की ऑनलाइन जवाब आने के बाद भी आपने इसे क्यों नहीं पढ़ा, तो अमरजीत कुशवाहा ने बड़ी ही शालीनता के साथ विधानसभा अध्यक्ष को जवाब दिया की हुजूर मैं रोज विधानसभा जेल से आता हूं. इसी कारण मैंने ऑनलाइन जवाब नहीं पढ़ा.