जगदीशपुर/आरा। (सूरज कुमार राठी) वैदिक मंत्रोच्चारण से माता रानी की पूजा की गई। दोपहर से नवमी कि शुरुआत होते ही हवन का कार्यक्रम भी शुरू हुआ। लोगो ने सोशल डिस्टेंसिंग गाइडलाइन का पालन करते हुए माता रानी का दर्शन कर प्रसाद समर्पित किया।
वहीं इस बार कोरोना गाइडलाइन का पालन भी करना है। जिसको लेकर पूजा स्थलों में भीड़ नहीं देखी जा रही है। जबकि पूर्व में श्रद्धालुओं की भीड़ सप्तमी की शुरुआत होते ही मंदिरों व पूजा स्थलों में जुटी रहती थी। इस बार अधिकतर लोग अपने अपने घरों में ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। वहीं इस वर्ष प्रतिमा,तोरण द्वार, आकर्षक पंडाल, मेला, जलपान, खिलौना आदि नहीं लगने से दशहरा का पर्व फीका लग रहा है।
नगर में आठ स्थानों पर मां देवी का प्रतिमा स्थापित
नगर में कुल आठ स्थानों पर मां देवी का प्रतिमा स्थापित की गई है। श्रीलाल नवकेतन दुर्गा पूजा समिति, श्री अमर दुर्गा पूजा समिति, श्री कला परिषद दुर्गा पूजा समिति, मां अंबे दुर्गा पूजा समिति, सकेत कालाकुंज दुर्गा पूजा समिति, श्री दुर्गेश्वरी नाट्य दुर्गा पूजा समिति, श्री दुर्गेश नंदिनी दुर्गा पूजा समिति व श्री श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमा रखी गई है।
कोरोना की वजह दुर्गापूजा फीका, उत्साह व भावना पर कोई फर्क नही
श्री दुर्गेश्वरी नाट्य पूजा समिति के सदस्य नंदलाल कुमार, दीपक कुमार, चंदन कुमार व संतोष कुमार सोती ने बताया कि कोरोना की वजह से इस बार दुर्गापूजा फीका जरूर है पर लोगो के उत्साह और भावना पर कोई फर्क नही पड़ा है। श्रद्धालु दूर से ही माँ की प्रतिमा का दर्शन कर रहे है। सरकारी गाइडलाइन का भी बखूबी पालन हो रहा है। बता दें कि पहली बार इस तरह का माहौल देखने को मिला है कि पर्व के अवसर पर मंदिरों सहित अन्य पूजा स्थलों पर लोगों की भीड़ नहीं दिख रही है। फुटपाथ से लेकर बड़ी दुकानों तक इस बार सभी हताश नजर आ रहे है। हर वर्ष दुकानदार सहित मूर्तिकार व तोरण द्वार बनाने वाले कारीगरों की अच्छी कमाई हो जाती थी। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता था। परन्तु इस बार उनके व्यापार पर भी गहरा असर हुआ है। वही बच्चे खुश नजर आ रहे है। बहरहाल जो भी हो पूजा तो पूजा है भावनात्मक खुशी सभी श्रद्धालुओं के चेहरे पर नजर आ रही है।