GOPALGANJ: गोपालगंज तिहरे हत्याकांड पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रशासन पर आरोपित जदयू विधायक पप्पू पांडेय को बचाने का आरोप लगाया है और पूछा है कि डीजीपी को बताना चाहिए कि गिरफ्तारी कब होगी?
उन्होंने कारोबारी रामेश्वर कुशवाहा की हत्या, भाजपा नेता शिवकुमार उपाध्याय पर हमला और अनिल तिवारी की हत्या से जुड़े कई वीडियो भी जारी किए और कहा कि ये सभी पहले से वायरल हैं, किंतु प्रशासन कह रहा है कि सबूत नहीं मिल रहे। अनिल तिवारी से जुड़े वीडियो में तो आवाज की जांच से ही पता चल जाएगा कि हत्या किसने की।
प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, विधायक शक्ति सिंह यादव और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार पप्पू पांडे के तीन महीने का कॉल डिटेल और वाट्सएप संदेश का ब्योरा निकाले, स्थिति साफ हो जाएगी।
तेजस्वी ने आईजी रैंक के एक अधिकारी पर पप्पू को बचाने का आरोप लगाया है। तेजस्वी ने भाजपा से भी पूछा कि वह क्यों चुप है, जबकि गोपालगंज में भाजपा के भी नेता पर हमला हुआ है। आरोप भी पप्पू पांडेय पर ही है। फिर भी क्या मजबूरी है कि भाजपा नेता कुछ बोल नहीं रहे हैं? अपने नेता को न्याय भी नहीं दिला पा रहे हैं। सत्ता में बैठे लोग अगर अपने नेता के साथ भी इंसाफ नहीं कर सकते हैं तो आम जनता की क्या हैसियत है।
राजद नेता ने जातिगत आरोपों को खारिज करते हुए कृष्णा साही हत्या का भी मामला उठाया और कहा कि वह इस मामले को भी उठाएंगे। लखनऊ पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार कृष्णा साही की हत्या में भी पप्पू पांडेय के गिरोह का ही हाथ है। शूटर ने खुद यूपी एसटीएफ के सामने कबूल किया है।
बता दें कि बीते 24 मई को गोपालगंज के हथुआ थाना क्षेत्र में रात को अपराधियों ने जेपी चौधरी के घर पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। इस गोलीबारी में उनके माता, पिता और भाई की मौत हो गई थी। जेपी चौधरी राजद से जुड़े हैं। इस गोलीकांड में जेडीयू के बाहुबली विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय का नाम आ रहा है।
हालांकि, पुलिस ने आरोपी जेडीयू विधायक के भाई और भतीजे को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन विधायक पप्पू पांडय अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। दूसरी ओर इस तिहरे हत्याकांड को लेकर बिहार में सियासत जारी है।