बिहार के गया में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में सीआरपीएफ को बड़ी कामयाबी मिली है। नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ ने कई नक्सलियों को मार गिराया। सर्च ऑपरेशन में अभी तक चार नक्सलियों के शव सीआरपीएफ को मिले हैं।
यह मुठभेड़ बिहार के गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र के महजरी-मौनबार के जंगल में हुई है। नक्सलियों के पास से तीन एके-47 राइफलें और एक इंसास राइफल बरामद की गई हैं। सीआरएफएफ का सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।
फरवरी में लखीसराय में घंटों चला था एनकाउंटर, मारा गया था एक नक्सली
इसके पहले फरवरी महीने में बिहार के लखीसराय जिले के चानन थाना क्षेत्र के जंगलों में पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में पुलिस नक्सलियों पर भारी पड़ी थी और एक नक्सली को मार गिराया गया थी। मृत नक्सली की पहचान जमुई जिला के बरहट थाना क्षेत्र के गुरमाहा बिचला टोला निवासी मंशा कोड़ा के रूप में हुई थी। तकरीबन चार से पांच घंटे तक मुठभेड़ चली थी।
नक्सलियों ने चानन के ही धनबह-गोपालपुर सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के साथ मारपीट की थी। यह निर्माण कार्य कौशल्या कंस्ट्रक्शन के द्वारा चल रहा था। मारपीट की सूचना पुलिस को दी गई तो पुलिस एक्टिव हो गई। इसी कड़ी में गुरुवार की अले सुबह एसएसबी व एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गोवरदह से एतवारी कोड़ा के पुत्र कजरू कोड़ा को उठाया और चेहरौन कोड़ासी के जंगल में लेकर चली गई। सघन ऑपरेशन के बाद दोपहर के करीब पुलिस और नक्सलियों का आमना-सामना हो गया और मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में एक 50 वर्षीय नक्सली को पुलिस ने मार गिराया। मारे गए नक्सली के पास से एक पिट्ठू बैग और इंसास राइफल मिली थी।
लाश नहीं उठाने दे रहे थे नक्सली
एनकाउंटर के बाद मुठभेड़ में शामिल अन्य नक्सली पुलिस को लाश उठाने नहीं दे रहे थे। नक्सलियों की मंशा थी कि लाश को वे अपने साथ लेकर चले जाएं, लेकिन पुलिस के भारी पड़ने के कारण नक्सली अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद लाश को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था।
एनआईए ने बड़ी साजिश को किया था नाकाम
फरवरी महीने में ही नक्सलियों के खिलाफ एजेंसियों को एक और बड़ी कामयाबी मिली थी। तब एनआईए ने झारखंड पुलिस की पर हमले की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया था। खुलासा हुआ था कि भाकपा माओवादियों ने खूंटी में पुलिस बलों पर हमले की योजना बनाई थी। भाकपा माओवादी कैडर बिरसा मुंडा ने पूछताछ में कबूल किया था कि पुलिस बलों पर हमले के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक जुटाए गए थे।
पकड़ा गया था खतरनाक विस्फोटक
एनआईए ने बिरसा की सूचना पर चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान हाई-ग्रेड एक्सप्लोसिव और कॉर्डटेक्स वायर बरामद किए थे। खूंटी जिले के जिलिंगकेल में कोरंगबुरु पहाड़ी के घने जंगल में तलाशी अभियान चलाया गया था। इस दौरान 100 मीटर कॉर्डटेक्स वायर और 126 जिलेटिन स्टिक (15 किलोग्राम) बरामद किया।
एनआईए के मुताबिक भाकपा माओवादी कैडरों द्वारा सरायकेला के कुकरूहाट में 14 जून 2019 को साप्ताहिक हाट में हमला किया गया था। हमले की साजिश महाराज प्रामाणिक ने रची थी। हमले में बिरसा मुंडा उर्फ बिरसा बिरहोर भी शामिल था। इस हमले में 5 पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसमें पुलिसकर्मियों के हथियार और गोला-बारूद लूट ले गए थे।