पटना. बीएमपी की महिला दारोगा के साथ दुष्कर्म कर फरार चल रहे आरोपी हवलदार राकेश कुमार सिंह को पटना की महिला थाना की पुलिस और पटना पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने गुरुवार की रात को गिरफ्तार कर लिया. बीएमपी का हवलदार और पीड़िता का कोच रह चुका राकेश को पुलिस ने रूपसपुर थाना इलाके से धर दबोचा. वह इसी इलाके में महीनों से छिपकर रह रहा था. पीड़िता के साथ वह पिछले 10 साल से ज्यादती, जुल्म करने के साथ ही उसका याैन शाेषण भी कर रहा था.
उसने याैन शाेषण ताे किया ही मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के साथ ही आर्थिक रूप से भी पीड़िता को काफी नुकसान पहुंचया. उसके नाम से राकेश ने 30 लाख का लाेन भी ले लिया . एटीएम कार्ड ले रखा था. यही नहीं कई सादे चेक पर उसका साइन भी करा लिया था. उसने पीड़िता के नाम से एक कराेड़ का बीमा भी करा रखा था और नाॅमिनी में खुद काे पति बता अपना नाम लिखवा दिया था.
पीड़िता ने इन बाताें की लिखित शिकायत पुलिस मुख्यालय में कमजोर वर्ग के एडीजी अनिल किशोर यादव से की थी. बाद में एडीजी ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पटना एसएसपी उपेन्द्र शर्मा को एफआईआर करने का आदेश दिया था. एसएसपी के आदेश के बाद पटना की महिला थाना में पिछले 16 जून को केस दर्ज किया गया था.
आरोपी राकेश के साथ ही महिला ने राकेश की पत्नी रेणु सिंह, उसकी बेटी पायल सिंह के साथ ही रमेश चाैबे, कुणाल चंद्र राय काे भी नामजद किया था. इस मामले में राकेश पहला आरोपी है जिसे गिरफ्तार किया गया है. 7 अगस्त को ही उसके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
पॉक्सो कोर्ट के स्पेशल पीपी सुरेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि सभी नामजदों की अग्रित जमानत खारिज हो गई है. इधर महिला थाना की थानेदार किशेर सहचरी ने बताया कि राकेश की रूपसपुर से गिरफ्तारी हुई है. पुलिस उससे पूछताछ करने में जुटी है, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि पटना पुलिस को आरोपी हवलदार को पकड़ने में साढ़े तीन महीने लग गये.