आरा: (विकास सिंह) आरा से एक बड़ी खबर है जहां पुलिस ने 2 वार्ड पार्षद और 4 वार्ड पार्षद के पति समेत 18 लोगों को शराब पार्टी करते गिरफ्तार किया है।गुप्त सूचना पर पुलिस की छापेमारी में मौके से पुलिस ने विदेशी शराब के साथ 7 शराब की भरी बोतल और पांच खाली बोतलों के साथ एक राइफल, 315 बोर की 90 गोलियां, 7.5 बोर की 73 गोली और 5 बाइक भी बरामद की है।भोजपुर एसपी राकेश दुबे के निर्देश पर नगर थाने की पुलिस ने शहर के बेगमपुर में यह कार्रवाई की है जिसके बाद से ही वार्ड पार्षदों के बीच अफरा-तफरी मची है।यास चक्रवात के बीच अचानक आरा में आये इस तूफान के बाद आरा से पटना तक खलबली मच गई है.एक साथ शहर के 2 वार्ड पार्षद और 4 वार्ड पार्षदों के खुलेआम शराब की पार्टी की खबर से शहर के लोग सन्न हैं।गिरफ्तार वार्ड पार्षदों में आरा नगर निगम के वार्ड संख्या 31 के वार्ड पार्षद हिमांशु सिन्हा,उसका छोटा भाई कुणाल सिन्हा,वार्ड संख्या 4 के पार्षद अखिलेश प्रसाद सहित वार्ड संख्या 42,3,9 और 33 की महिला पार्षदों के पति शामिल हैं.बाकी गिरफ्तार लोगों में इन पार्षदों के दोस्त और अन्य लोग शामिल हैं जो शहरके बेगमपुर में एक वार्डपार्षद के घर में आयोजित बर्थडे पार्टी में शराब का मजा ले रहे थे।दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के बेगमपुर में खुलेआम वार्ड पार्षद शराब पार्टी कर रहे हैं जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मौके से ही 3 वार्ड पार्षद और 4 वार्ड पार्षद के पतियों समेत 18 अन्य लोगों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।मिली जानकारी के मुताबिक दिनदहाड़े शराब पार्टी का मजा ले रहे गिरफ्तार वार्ड पार्षद और अन्य लोग पुलिस को देख भागने के फिराक में थे लेकिन पुलिस ने घेराबंदी करते हुए सभी को गिरफ्तार कर लिया।सूत्रों के मुताबिक इस बीच एक वार्ड पार्षद का बेटा और एक महिला पार्षद का पति मौका देख फरार हो गए।भोजपुर एसपी राकेश दूबे ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें बेगमपुर मुहल्ले में वार्ड पार्षद 31 हिमांशु सिन्हा के घर आयोजित शराब पार्टी में खुलेआम शराब परोसे जाने और वार्ड पार्षद समेत अन्य लोगों के शराब का सेवन किये जाने की गुप्त सूचनामिली थी जिसके आढ़ार पर उन्होंने एक टीम गठित करते हुए मौके पर छापेमारी की और दो वार्ड पार्षद और 4 पार्षद पति समेत 18 लोगों को शराब का सेवन करते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।भोजपुर एसपी के मुताबिक पकड़े गए सभी लोगों की मेडिकल जांच कराने के बाद उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।