बिहार की राजनीति :- आरजेडी विधायक भूदेव चौधरी की विधायकी खतरे में हैं | उन्हें अपनी विधायकी बचाने के लिए महज दो दिनों की मोहलत मिली है. इन दो दिनों में उन्हें यह बताना होगा कि 2020 के चुनाव में उन्होंने जो शपथ पत्र आयोग को दिया उसमें सारी बातें शत-प्रतिशत सहीं है. शपथ पत्र में उन्होंने किसी भी बात को छुपाने का काम नहीं किया है. उनपर पर लगाए गए तमाम आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है.
दरअसल बांका के धौरेया से आरजेडी विधायक भूदेव चौधरी पर जेडीयू के पूर्व विधायक मनीष कुमार ने विधानसभा चुनाव में दाखिल शपथ पत्र में भागलपुर न्यायालय में चल रहे एक पुराने केस को छुपाने का आरोप लगाते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 2 दिनों में उनसे जवाब मांगा है. कोर्ट ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी व डीएम को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, जिसको डीएम ने भेज दिया.
इधर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई की गई. आरजेडी विधायक भूदेव चौधरी के वकील ने अदालत को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा. इस पर जस्टिस फली आर नरीमन ने कहा कि क्या अब तक का समय पर्याप्त नहीं था. कोर्ट ने विधायक भूदेव चौधरी के वकील की अर्जी को खारिज करते हुए उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए सिर्फ 2 दिनों का समय स्वीकृत किया.इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 15 जुलाई को होगी. बता दें कि पूर्व विधायक मनीष कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में क्षेत्र से आरजेडी प्रत्याशी के रूप में दाखिल नामांकन के शपथ पत्र में भूदेव चौधरी ने भागलपुर के जमीन संबंधी मामले में दर्ज आपराधिक वाद की चर्चा नहीं की.