लखीसराय: (अजय कुमार) जिले के सदर अस्पताल में चल रहे एसएनसीयू में इलाजरत शिशु को कोविड-19 से सुरक्षा के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सक से लेकर एएनएम तक कोविड-19 से बचाव के लिए हर मानकों का पालन कर रहे हैं और साफ – सफाई समेत अन्य आवश्यक एहतियात का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। सरकार के सभी आवश्यक गाइलाइन का भी पालन कर रहे हैं। ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानियाँ का सामना नही करना पड़े और संक्रमण का खतरा उत्पन्न नही हो।
जिले के सदर अस्पताल में 06 बच्चे हैं इलाजरत
जिले के सदर अस्पताल में साँस से पीड़ित 06 बच्चे वर्तमान में इलाजरत हैं। जिसे प्रबंधन द्वारा एसएनसीयू की सुविधा आसानी के साथ दी जा रही है एवं इस दौरान बच्चे के सुरक्षा के मद्देनजर स्वास्थ कर्मी पूरी सतर्कता के साथ नवजात को यह सुविधा उपलब्ध करा रहें हैं। ताकि नवजात को अन्य परेशानियाँ से नही जूझना पड़े।
सतर्कता के साथ दी जा रही है एसएनसीयू की सुविधा
जिला सिविल सर्जन पदाधिकारी डॉ आत्मानंद राय ने बताया एसएनसीयू की सेवा अस्पतालों में चालू कर दी गई है। चिकित्सकों के नेतृत्व कर्मियों द्वारा पूरी सतर्कता के साथ सरकार के गाइलाइन का पालन करते हुए सुविधा दी जा रही है। ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानियाँ का सामना नही करना पड़े।
एसएनसीयू से डिस्चार्ज के बाद एक वर्षों तक शिशु का रखा जाएगा ख्याल
एसएनसीयू में इलाजरत बच्चे को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने बाद डिस्चार्ज होते है। किन्तु, ऐसे बच्चे का डिस्चार्ज के बाद एक वर्ष तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा ख्याल रखा जाता है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आशा कार्यकर्ता गृहभेंट की तरह बच्चे का घर जाते हैं और बच्चे की स्थिति से अवगत होती है। साथ परिजनों से आवश्यक जानकारी लें। जिसके बाद बच्चे के शरीर का वर्तमान स्थिति का स्थानीय पीएचसी या अस्पताल को रिपोर्ट करती हैं। उसके बाद निर्देशानुसार आगे की प्रक्रिया करती है। जिस क्षेत्र में आशा चयनित नहीं है उस क्षेत्र की ऑगनबाड़ी सेविका उक्त कार्य देखती है।
जरूरतमंद बच्चों का इलाज में भी करेंगी सहयोग
आशा या ऑगनबाड़ी सेविका ना सिर्फ बच्चे का हालचाल जानेंगे बल्कि जरूरतमंद बच्चों का समुचित इलाज के बच्चे के परिजनों को सरकारी संस्थान जाने के लिए प्रेरित करेंगे और अस्पताल जाने तक हर आवश्यक मदद करेंगे। इसके लिए विभाग द्वारा प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
नवजात को स्वस्थ रखने के लिए परिजनों को दी जाती है जानकारी
अस्पताल कर्मियों एवं चिकित्सकों द्वारा एसएनसीयू सुविधा उपलब्ध कराने के पूर्व एवं बाद नवजात को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक चिकित्सा परामर्श दिए जाते हैं। ताकि नवजात का स्वस्थ शरीर निर्माण हो। इस दौरान बच्चे को जन्म के बाद छः माह तक नियमित रूप से समय-समय पर स्तनपान कराने, साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने, कोविड-19 के लेकर नवजात को स्तनपान कराने के दौरान मास्क का अनिवार्य रूप उपयोग करने व हाथों की अच्छी तरह से साबुन से धोने आदि की जानकारी दी जाती है।
क्या है एसएनसीयू सुविधा, किन बच्चों को दी जाती यह सुविधा
एसएनसीयू की सुविधा शिशु –
मृत्यु दर कमी लाने के लिए सरकार द्वारा बहाल की गई है। यह सुविधा वैसे बच्चे को दी जाती है। जिस बच्चे को जन्म के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्या होती है, जिसमें कम वजन के बच्चे, 9 महीने से कम समय में जन्म लेने वाले बच्चे एवं किसी गंभीर रोग से पीड़ित नवजात शामिल होते हैं।
इन मानकों का पालन कर कोविड-19 से रहें दूर
- -व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें।
- -बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
- -साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- -छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके।
- -उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके।
- -घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
- -बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
- -आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें।
- -मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें।
- -किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों।
- -कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें।
- -बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें।