पटना। मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दल के कार्यकर्ताओं-नेताओं से कहा है कि वे पहले की तरह जनता के बीच काम करें। संगठन को मजबूत बनाएं। विधानसभा चुनाव के जनादेश को स्वीकार करें। इसमें हताश होने जैसी कोई बात नहीं है। वे शनिवार को जदयू के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के लोगों से मिल रहे थे। कुमार इन दिनों अक्सर जदयू कार्यालय आ रहे हैं। कुमार ने कहा कि अपनी ओर से वे पहले की तरह राज्य के विकास में लगे रहेंगे। उन्हें संतोष है कि राज्य का तेजी से विकास हुआ है। आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा। चुनाव परिणाम जनता के मूड पर भी निर्भर करता है। इसलिए अपेक्षित परिणाम न मिलने पर भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के हरेक हिस्से का विकास कर रही है। किसी वर्ग की उपेक्षा नहीं हो रही है। चकाई के निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह भी मुख्यमंत्री से मिलने जदयू कार्यालय आए थे। वे राज्य सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा के पक्ष में मतदान किया था। पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और रंजू गीता के अलावा कई पूर्व विधायक और विधानसभा चुनाव में जदयू के पराजित उम्मीदवारों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की। पराजित उम्मीदवारों ने बताया कि उनकी हार क्यों हुई। सासाराम के सांसद महाबली सिंह भी मुलाकातियों में शामिल थे। उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के संबंध में बातचीत की। जदयू के प्रदेश महासचिव डॉ. नवीन आर्या ने बताया कि 60 से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की इच्छा जाहिर की थी। लेकिन, मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ तो और अधिक लोग आ गए। मुख्यमंत्री अपने कक्ष में बैठे। लोकसभा में जल संसाधन मंत्री विजय जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह, राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह, जदयू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डा. अशोक चौधरी आदि इस मौके पर मौजूद थे।