पटना। बिहार में अपनी जीती सीटों को भी पिछले विधानसभा चुनाव में खोने वाली कांग्रेस अब मजबूत आधार तैयार करने का मन बना रही है। कांग्रेस यहां दलित कार्ड खेलकर अपने वोटबैंक को सहेजना चाहती है। पुराने कद्दावर नेता बाबू जगजीवन राम की सुपुत्री पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को कांग्रेस यहां का प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। दलित वर्ग का होने के बाद बावजूद मीरा कुमार के पास राजनीतिक, प्रशासनिक अनुभव भी बेहतरीन है। कुमार बिहार के सासाराम से कई बार सांसद रह चुकी हैं। उनके अध्यक्ष बनने से आधी आबादी को भी साधा जा सकता है। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है।
रह चुकी हैं प्रशासनिक अधिकारी, कई बार सांसद भी रहीं
मीरा कुमार विदेश सेवा में रहीं हैं। उनके पास प्रशासनिक अनुभव है। इसके अतिरिक्त वह कई बार सांसद रहने के साथ ही यूपीए सरकार में लोकसभा स्पीकर रहीं हैं। मीरा कुमार कई बार केंद्र में मंत्री भी रह चुकी हैं। प्रशासनिक व राजनीतिक अनुभवों वाली मीरा कुमार दलित वर्ग से हैं।
बिहार में सिर्फ राजेश राम का नाम भेजे जाने पर नाराजगी
दरअसल, बिहार प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष पद के लिए किसी दलित चेहरे को खोजा जा रहा है। हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी व अन्य जिम्मेदारों से उम्मीदवारों का पैनल भेजने को कहा था। लेकिन हाईकमान के पास केवल राजेश राम का नाम भेजा गया। पार्टी नियमों के अनुसार एक पद के लिए कम से कम दो-तीन नामों पर मंथन कर एक नाम पर मुहर लगाई जाती है। लेकिन सिर्फ एक नाम भेजे जाने पर हाईकमान ने नाराजगी जताते हुए पुन: लिस्ट भेजने को कहा है।
सूत्रों की मानें तो नई कमेटी बनाने की जिम्मेदारी प्रभारी भक्त चरण दास को दी गई थी। लेकिन दास ने बिहार कांग्रेस के नए अध्यक्ष और अन्य कार्यकारिणी के नामों की जो सूची भेजी, उससे हाईकमान खुश नहीं हैं।