वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नीतीश सरकार को घेरा है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार के एक सीनियर आईएएस अधिकारी आज थाने में जाकर 6 घंटे तक बैठे रहे अधिकारी सुधीर कुमार सबूतों का पुलिंदा लेकर थाने गये थे. उन्हें 6 घंटे तक थाने में बिठा कर रखा गया लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गयी. तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने देश में ऐसा कोई दूसरा मामला नहीं देखा है जब एक सीनियर आईएएस अधिकारी मुख्यमंत्री के खिलाफ केस दर्ज कराने थाना जाये औऱ उसकी शिकायत ही दर्ज नहीं की जाये. नियम कानून कहता है कि पुलिस को शिकायत दर्ज करनी है. उसके बाद जांच में अगर वह आऱोपी को निर्दोष पाती है तो एफआईआर को क्लोज कर दिया जाता है।
तेजस्वी ने कहा कि उनके पास जो जानकारी आ रही है उसके मुताबिक सुधीर कुमार सारे सबूतों के साथ थाने में गये थे. उन्होंने पुलिस को सारे सबूत सौंपे हैं. अगर एफआईआर हुआ तो नीतीश कुमार का फंसना तय है. तभी नीतीश कुमार डर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि सुधीर कुमार जब आवेदन लेकर थाने पहुंचे तो उसे आनन फानन में सीएम हाउस भेज दिया गया. वहां सीएम की पूरी लीगल टीम बैठी है. वह आवेदन के साथ जो सबूत दिये गये हैं उसकी जांच पडताल कर रही है. तेजस्वी बोले-नीतीश कुमार फंस गये हैं तभी तानाशाह बन गये हैं. किस बात का डर औऱ भय उन्हें सता रहा है. नीतीश कुमार क्यों छिपे हुए हैं.
दरअसल आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार जब गर्दनीबाग स्थित एससी-एसटी थाना पहुंचे थे तब उनकी कंप्लेंट दर्ज करने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। ऐसा लग रहा था जैसे उनकी शिकायत दर्ज करने से पुलिस अधिकारी कतरा रहे थे। संभव है कि सुधीर कुमार किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना चाहते हो।
सीनियर आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार उस वक्त सुर्खियों में आए थे. जब उनके BSSC अध्यक्ष रहते हुए 2014 में इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. पेपर लीक मामले में 2017 में सुधीर कुमार को निलंबित करते हुए गिरफ्तार किया गया था.
1988 बैच के आईएएस अधिकारी सुनील कुमार राज्य में गृह सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं. बाद में वह BSSC के अध्यक्ष बनाए गए थे. पेपर लीक कांड में उनके ऊपर कार्रवाई की गई थी. लेकिन बाद में वह निलंबन मुक्त हो गए. फिलहाल वह राजस्व पर्षद के अपर सदस्य के तौर पर तैनात हैं. अगले साल 31 मार्च को वह रिटायर भी होने वाले हैं.