PATNA : मैट्रिक परीक्षा के स्टेट टॉपर हिमांशु राज एक साधारण किसान परिवार से हैं। 481 अंक (96.20 प्रतिशत) लाकर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। हिमांशु ने कहा कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। हालांकि काफी गरीबी और तंगहाली में हिमांशु ने यह सफर तय किया है।
बटाई पर खेत लेकर उसके पिता सब्जी की खेती करते हैं और उसी से उसकी परिवार की आजीविका चलती है। हिमांशु राज रोहतास जिले के दिनारा प्रखंड के तेनुअज पंचायत के नटवार कला गांव वार्ड-10 का निवासी है। हिमांशु के पिता सुभाष सिह सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। माता मंजू देवी कुशल गृहिणी है। हिमांशु के पिता सुभाष सिंह बिक्रमगंज के तटवार बाजार में सब्जी बेचते हैं। बेहद साधारण परिवार का बेटा हिमांशु बेहद लगनशील और परिश्रमी है।
हिमांशु ने कहा कि कई बार स्थिति यह हो जाती थी कि मुझे सब्जी लेकर बाजार जाना पड़ता था। सब्जी बेचकर कुछ पैसे लाता था तो परिवार का भरण-पोषण होता था। हालांकि पिताजी ने कभी समझौता नहीं किया। हिमांशु ने कहा कि उसके पिता भी उसे हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित करते थे। वे स्वयं भी पढ़ाते थे। यही वजह रही कि आज यह मुकाम हासिल कर पाया हूं। हिमांशु ने कहा कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते है।
वहीं, मैट्रिक परीक्षा में भोजपुर के लाल शुभम कुमार ने तीसरा स्थान पाकर जिले का नाम रोशन किया है। शुभम कुमार ने मैट्रिक परीक्षा में 478 अंक के लक्ष्य को छुआ है। मध्यवर्गीय परिवार के रहने वाले शुभम कुमार शहर के हरखेन कुमार ज्ञानस्थली विधालय का छात्र है। शुभम इस सफलता को हासिल करने के बाद अब देश की सेवा करना चाहता है।
वहीं, इस बड़ी कामयाबी के पीछे शुभम अपने मां-पिताजी और गुरू को आदर्श मानते हुए उनके प्रयास से सफलता हासिल करने की बात कही है। शुभम मूल रूप से शहर के आरण्य देवी मुहल्ले का रहना वाला है। उनके पिता एक छोटे व्यवसायी हैं। थर्ड टॉपर शुभम कुमार की मां ने बताया कि शुभम की पढ़ाई देखकर उन्हें अक्सर काफ़ी चिंता होती थी कि इतनी देर पढ़ाई से कहीं शुभम की मानसिक स्थिति ना बिगड़ जाए, लेकिन उसकी दिन-रात की मेहनत ने आज सबको मौरवान्वित किया है।