पटना: बिहार के राज्यपाल रह चुके मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन मंगलवार की सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इसकी जानकारी उनके पुत्र व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर दी। लालजी टंडन साल 2018 में बिहार के राज्यपाल बनाए गए थे। वे बिहार में 2019 में मय प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने तक रहे। उनके निधन पर बिहार में कई नेताओं ने शोक व्यक्त करे हुए इसे राजनीति के क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
लालजी टंडन अगस्त 2018 में बिहार के राज्यपाल बनाए गए थे। बिहार में उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई बड़े फैसले लिए। बाद में वे मध्य प्रदेश के राज्यपाल बनाए गए।
लालजी टंडन की एक खास पहचान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निकट सहयोगी के रूप में थी। वाजपेयी के निधन बाद वे उनके चुनाव क्षेत्र लखनऊ से ही 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे। वे भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में मंत्री रहे।
बिहार के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अलावा प्रदेश बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय में भी टंडन के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि टंडन ने बिहार के उच्च शिक्षा में सुधार के लिए कई अहम निर्णय कर नई दिशा देने का काम किया था।
सुशील मोदी ने कहा है कि लालजी टंडन के निधन से बीजेपी को अपूरणीय क्षति हुई है।