बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय की रहने वाली सुषमा को दिल्ली में जब मकान मालिक ने घर से निकाल दिया तो उसने साइकिल थाम ली। एक केन खिचड़ी बांधी और 13 साल के बच्चे को बैठा 1200 किलोमीटर के सफर पर निकल गई। नौ दिन बाद जब महिला अपने गांव छौड़ाही पहुंची तो उसकी आंखों से रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। फिलहाल दोनों अभी जिले के क्वारंटाइन सेंटर में हैं।
साइकिल से आती महिला को देख हतप्रभ रह गए पुलिसकर्मी
समस्तीपुर जिले से बेगूसराय जिले में इंट्री करते ही मुस्तैद पुलिस अधिकारी साइकिल पर एक बड़ी सी केन बांधकर आ रही सुषमा व उसके बेटे को रोक लिया, जब जवानों ने उसे मास्क लगाने को कहा तो वह रोने लगी। इसपर पुलिस वालों ने उसे पानी और बिस्किट खिलाया।
मकान मालिक ने कमरे से बाहर निकाला सामान
सुषमा ने बताया कि वे दिल्ली में रहकर कई घरों में चौका-बर्तन करती थी। कोरोना वायरस का संक्रमण फैलते ही लोगों ने घरों में प्रवेश करने से रोक लगा दी। कहीं काम नहीं मिला। पेट भरने के भी लाले पड़ गए। सुषमा ने बताया कि इस दौरान दिल्ली सरकार के कम्युनिटी किचन में कई दिन खाना खाया पर वहां भी आधा पेट ही भर पाता। नौ दिन पहले मकान मालिक ने सुषमा का सारा सामान कमरे के बाहर निकाल दिया। कहा कि यहां नहीं रह सकती, जहां जाना है जाओ। सुषमा ने बताया कि उसने काफी मिन्नतें की पर मकान मालिक नहीं माना।
बेटे और एक केन खिचड़ी के सहारे तय किया 12 सौ किमी का सफर
सुषमा ने बताया कि उनके पास घर लौटने के अलावा कोई चारा नहीं था। पति से फोन पर बात की तो उन्होंने हौसला बढ़ाया। उनके कहने पर मैं साइकिल में 13 साल के बेटे सूरज कुमार को बिठा एक केन खिचड़ी लेकर निकल पड़ी। रास्ते में सुषमा को जहां भूख लगती वे खिचड़ी खाकर गुजारा करती। नौ दिनों के सफर में कभी ट्रक तो कभी बस से लिफ्ट लेते हुए सुषमा बेगूसराय के छौड़ाही गांव पहुंची। जहां महिला दूर से ही अपने गांव को देखकर रो पड़ी। दोनों की स्क्रीनिंग के बाद उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है।
Inout- Jagran